– योगी सरकार के ‘ऑपरेशन महाकाल’ का असर—वसूली, धमकी और माफियागिरी पर एक और करारा प्रहार
– अब फर्रुखाबाद के कचहरी क्षेत्र में भी ऐसे ही गोरखधंधों पर हो कार्रवाई की दरकार
कानपुर/फर्रुखाबाद: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सख्त नीति “जीरो टॉलरेंस अगेंस्ट करप्शन एंड माफिया” अब हर जिले में असर दिखा रही है। इसी कड़ी में ऑपरेशन महाकाल (operation mahakal) के तहत कानपुर में बड़ी कार्रवाई करते हुए अधिवक्ता अखिलेश दुबे (Advocate Akhilesh Dubey) को 50 लाख रुपये की रंगदारी मांगने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। पुलिस जांच में सामने आया कि अधिवक्ता दुबे ने भाजपा नेता रवि साजिजा को झूठे मुकदमे में फंसाने की धमकी देकर उनसे मोटी रकम वसूलने की कोशिश की थी। एसआईटी की जांच के बाद पुलिस ने उन्हें उनके तीन साथियों के साथ गिरफ्तार किया।
योगी सरकार का स्पष्ट संदेश है — भय और भ्रष्टाचार के दम पर कोई भी व्यक्ति चाहे वह वकील हो, पत्रकार हो या रसूखदार — बख्शा नहीं जाएगा। यह कार्रवाई इस बात का सबूत है कि सरकार कानून के दुरुपयोग और समाज में डर फैलाने वाले तत्वों के खिलाफ पूरी तरह सतर्क है।
फर्रुखाबाद में भी जरूरत ऑपरेशन महाकाल की!
फतेहगढ़ स्थित कचहरी परिसर में भी कुछ लोगों द्वारा खुद को पत्रकार, समाजसेवी या अधिवक्ता बताकर आमजन, वादकारियों और अधिकारियों पर दबाव बनाने की घटनाएं सामने आ रही हैं।
सूत्रों के अनुसार, यहाँ भी लॉज,ज़मीनो के काम,स्टांप और फ़र्ज़ी कॉलेज स्कूल संचालन,दलाली के नाम पर ब्लैकमेलिंग, झूठे मुकदमे और आर्थिक शोषण का गोरखधंधा सक्रिय है। पूर्व में यहां तैनात रहे एडीएम जे पी चौरसिया संजय कुमार यादव योगी नगर मजिस्ट्रेट थे, एसडीएम सदर राकेश पटेल जेल अधीक्षक विजय विक्रम सिंह और न जाने कितने नाम और तमाम सामाजिक लोगों,पत्रकारों के खिलाफ झूठे गैंगरेप आदि के मुकदमे दर्ज करा कर उनसे धनउगाई की।
बीते दिन भी सी जे एम न्यायालय में जनपद के प्रमुख व्यवसाईयों के खिलाफ धारा 156( 3)के तहत झूठा मुकदमा डाला गया पूरे खेल में जिले के वरिष्ठ अधिकारी भी संलिप्त हैँ जो इस गैंग को संरक्षण देते बताय जाते हैँ। यह बेहद जरूरी हो गया है कि फर्रुखाबाद पुलिस और प्रशासन भी ‘ऑपरेशन महाकाल’ की तर्ज पर ऐसे लोगों की पहचान कर कठोर कार्रवाई करे — ताकि न्यायिक प्रणाली की गरिमा बनी रहे और आम आदमी सुरक्षित महसूस करे।