नई दिल्ली। कोलकाता मामले पर गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान कपिल सिब्बल कथित तौर पर हंसने लगे। जिसके कारण सॉलिसिटर जनरल (एसजी) तुषार मेहता ने वरिष्ठ वकील (Kapil Sibal) को फटकार लगाते हुए कहा कि ‘कोई मर गया है, कम से कम हसिए तो मत।’
सर्वोच्च न्यायालय ने कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में 9 अप्रैल को महिला ट्रेनी डॉक्टर के साथ कथित बलात्कार एवं हत्या की घटना का स्वत: संज्ञान लिया है। सिब्बल (Kapil Sibal) पश्चिम बंगाल सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं, जबकि तुषार मेहता केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की ओर से पेश हुए हैं, जो कलकत्ता उच्च न्यायालय के निर्देश पर मामले की जांच कर रही है।
सिब्बल (Kapil Sibal) और मेहता के बीच हो रही थी बहस
हंसी की यह घटना उस समय हुई जब सुप्रीम कोर्ट में बार एसोसिएशन (एससीबीए) के अध्यक्ष सिब्बल (Kapil Sibal) और सॉलिसिटर जनरल (एसजी) मेहता के बीच बहस चल रही थी। एसजी पुलिस द्वारा एफआईआर दर्ज करने में ‘खामियों’ की ओर इशारा कर रहे थे।
हंसने पर एसजी ने लगाई फटकार
सॉलिसिटर जनरल ने कथित रूप से हंसते हुए प्रतिद्वंद्वी को जवाब दिया, ‘एक लड़की ने सबसे अमानवीय और असम्मानजनक तरीके से अपनी जान गंवा दी है। कोई मर गया है। कम से कम हंसो मत।’ इस घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
बीजेपी नेता ने वीडियो किया शेयर
32 सेकंड की इस क्लिप को शेयर करते हुए भाजपा के अमित मालवीय ने सिब्बल की आलोचना की। मालवीय ने लिखा, ‘ये पूरी तरह से असंवेदनशीलता है। ममता बनर्जी की तरह, पूर्व कांग्रेसी कपिल सिब्बल (Kapil Sibal) के नेतृत्व में पश्चिम बंगाल सरकार का प्रतिनिधित्व करने वाली कानूनी टीम ने युवा डॉक्टर की हत्या करने के लिए किसी भी तरह का पश्चाताप नहीं दिखाया। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता को कपिल सिब्बल को याद दिलाना पड़ा कि हंसना नहीं चाहिए।’