– 7 किलो सोना, 62 किलो चांदी, ₹1.18 करोड़ नकद बरामद।
– अमेरिकी नागरिकों को बना रहे थे निशाना।
नई दिल्ली / पुणे: पुणे से संचालित एक फर्जी कॉल सेंटर (Fake call center) द्वारा अमेरिकी नागरिकों (US citizens) को करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी का शिकार बनाए जाने का मामला सामने आया है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कार्रवाई में इस गिरोह के कब्जे से 7 किलो सोना, 62 किलो चांदी, ₹1.18 करोड़ नकद और ₹9.2 करोड़ की अचल संपत्ति जब्त की गई है। ईडी ने इस सिलसिले में जयपुर से दो आरोपियों को गिरफ्तार (arrested) किया है।
जानकारी के अनुसार, यह फर्जी कॉल सेंटर पुणे के खाराड़ी इलाके स्थित प्राइड आइकॉन बिल्डिंग की 9वीं मंजिल से जुलाई 2024 से संचालित हो रहा था। यहां से एक धोखाधड़ी ऋण योजना के माध्यम से अमेरिकी नागरिकों को निशाना बनाया गया। आरोपियों ने खुद को अमेरिकी बैंकों के प्रतिनिधि बताकर नागरिकों को झूठे ऋण का लालच दिया और उनकी संवेदनशील बैंकिंग जानकारी हासिल कर ली।
ईडी के अनुसार, इस जानकारी का इस्तेमाल कर भारी मात्रा में पैसे अमेरिका से भारत लाए गए। इस धन को क्रिप्टोकरेंसी, मुख्य रूप से यूएसडीटी (USDT) में परिवर्तित कर डिजिटल वॉलेट्स जैसे ट्रस्ट वॉलेट और एक्सोडस वॉलेट में संग्रहीत किया गया। इसके बाद इन डिजिटल संपत्तियों को भारत में पारंपरिक ‘अंगड़िया’ सिस्टम के जरिए भुनाया गया। प्राप्त धनराशि को कथित तौर पर खच्चर खातों के माध्यम से कंपनी के खातों में डाला गया और उसका उपयोग सॉफ्टवेयर खरीदने, कॉल सेंटर के किराए का भुगतान करने और व्यक्तिगत संपत्तियां खरीदने में किया गया।
ईडी ने पुणे, अहमदाबाद, जयपुर और जबलपुर में कई ठिकानों पर तलाशी अभियान चलाया, जहां से फर्जी कॉल सेंटर के संचालन से जुड़े डिजिटल साक्ष्य, दस्तावेज़, और अवैध संपत्ति जब्त की गई। मामले में ईडी ने मैग्नेटेल बीपीएस कंसल्टेंट्स एंड एलएलपी नामक कंपनी के दो साझेदारों – संजय मोरे और अजीत सोनी को जयपुर से गिरफ्तार किया है। ईडी के अधिकारियों के अनुसार, यह नेटवर्क अमेरिका से भारत तक फैला हुआ है और इसमें और भी कई लोगों की संलिप्तता सामने आ सकती है। मामले की जांच जारी है।