यूथ इंडिया संवाददाता
फर्रुखाबाद। प्रदेश में भ्रष्टाचार करने वाले वाले अधिकारियों पर कार्रवाई की जा रही है। लेकिन भ्रष्टाचार करने वाले अधिकारी फिर भी बच निकलने में कामयाब हो जाते हैं। जिसके कारण वह अपने से नीचे के कर्मचारियों से जमकर बसूली कर जेब गर्म करने में जुट जाते हैं।
वही तहसील अमृतपुर में तैनात पूर्ति निरीक्षक अमित चौधरी के द्वारा दोषी कोटेदारों के विरुद्ध कार्रवाई न करके भ्रष्टाचार में संलिप्त कई कोटेदारों का मनोबल बढ़ाने का कार्य कर वसूली करवा रहे हैं। बीते दिन कोटेदार राजकुमार के द्वारा ई केवाईसी के नाम पर रूपयों की वसूली करते समय लेखपाल के द्वारा पकड़ा गया था जिस पर भी भ्रष्ट पूर्ति निरीक्षक के द्वारा परदा डाल दिया। सीढे चकरपुर में कोटेदार के द्वारा खुलेआम राशन पर डाक़ा डाल गरीबों का राशन से हक छीना जा रहा था। तथा सबलपुर गांव में घटतौली का विरोध करने पर कोटेदार पुत्र के द्वारा देवर भाभी के साथ मारपीट भी कर दी गई लेकिन फिर भी प्रशासन नहीं जागा। नाम ना लिखने की सहमति पर सूत्रों ने बताया कि पूर्ति निरीक्षक के द्वारा महीने के हिसाब से 3000 हजार से लेकर 5000 रुपयों की वसूली की जाती है फिर मजबूरी में पैसे देने के बाद कोटेदार घटतौली करने में जुट जाते हैं। तथा कार्ड धारकों की राशन से छेड़छाड़ होने लगती है। जब साहब को महीने में पैसा ही देना है तो वह कोटेदार भी कहां से लाएं। वहीं सूत्रों के अनुसार जानकारी प्राप्त हुई है कि चाहे पूर्ति कार्यालय के कितने भी चक्कर लगा लो राशन कार्ड बनवाना है तो पहले अधिवक्ता, व पूर्ति कार्यालय के बाहर घूम रहे दलालों से मिल पैसे खर्च करना पड़ेगा अगर नहीं किया तो कुछ नहीं होता। जिससे क्षेत्र की जनता परेशान हो रही है। इसके बावजूद भी ऐसे भ्रष्टाचार के मसीहा के विरुद्ध उच्च अधिकारियों के द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जा रही।
पूर्ति निरीक्षक से बातचीत की तो बताया कि शीढ़ेचकर में घटतौली को लेकर सत्यता पाई गई है। रिपोर्ट प्रेषित कर दी गई है। लेकिन अन्य जगह का मामला पूछते ही शिकायत न मिलने का बहाना कर बात टरका दी जब वीडियो वायरल हो चुके हैं तो संबंधित की जांच क्यों नहीं देखने वाली बात हो गई की कब जिला प्रशासन पूर्व निरीक्षक के विरुद्ध संज्ञान लेकर कार्रवाई करता है।