शैलेन्द्र अग्निहोत्री
औरैया: उत्तर प्रदेश परिवहन निगम की एक और लापरवाही सामने आई है। इटावा से औरैया की ओर जा रही रोडवेज बस (UP78 HT 3823) में सवार यात्रियों ने एक खौफनाक अनुभव साझा किया, जिसमें बस का चालक नींद की झपकी में तेज रफ्तार से वाहन चला रहा था। जब एक सजग यात्री ने ड्राइवर को टोका तो वह उल्टा चिड़चिड़ाने लगा और मोबाइल में व्यस्त होकर ड्राइविंग जारी रखी।
मलतब साफ है कि तेज रफ्तार + मोबाइल + नींद = हादसे को न्योता!
बस में सवार कई यात्रियों ने आशंका जताई कि ड्राइवर के व्यवहार और थकान से बड़ी दुर्घटना हो सकती थी। यात्रियों के अनुसार, ड्राइवर बार-बार मोबाइल में कुछ देखता और झपकी लेता दिखा। इससे यात्रियों की जान पर खतरा मंडराने लगा। वही पूरी भोर की यात्रा के समय यात्रियों ने जताई चिंता: “जान लेकर ही पहुंचेंगे क्या?”
एक यात्री ने बताया, “हमने जब ड्राइवर को टोका कि वह नींद में लग रहा है तो वह बुरी तरह झुंझलाया और कहा – ‘चलने दो, हमे पता है कैसे चलाना है।’ क्या यात्रियों की जान की कीमत नहीं है?”
गंदगी और अस्वच्छता भी बनी परेशानी का कारण
इस बस की हालत अंदर से बदतर थी। यात्रियों ने बताया कि सीटों पर धूल, पान-गुटखा के दाग, और बस की फर्श पर गंदे पानी व कचरे के ढेर थे। कई खिड़कियों के शीशे टूटे हुए थे और पंखे बंद पड़े थे। एक यात्री ने कहा – “यह रोडवेज बस कम और चलती गंदगी ज्यादा लग रही थी।”
देखना ये कि जिम्मेदार अधिकारी जांच और जवाबदेही की मांग में पल्ला झाड़ते है या कठोर कार्यवाही करेंगे। इस मामले को लेकर यात्रियों ने @UPSRTCHQ और @uptransportdept से तत्काल संज्ञान लेने की मांग की है। सोशल मीडिया पर भी इस घटना को लेकर नाराजगी बढ़ रही है।
आखिर जिम्मेदार कौन है?
क्या नींद में गाड़ी चलाना सिस्टम की लापरवाही नहीं?
क्या ड्राइवरों की थकान और ड्यूटी शेड्यूल की निगरानी होती है?
क्या यात्रियों को साफ-सुथरी यात्रा का हक नहीं?
सुरक्षित बस यात्रियों के लिए मांग है कि –
1. ड्राइवर के खिलाफ तुरंत कार्रवाई की जाए।
2. बसों की सफाई व रखरखाव की नियमित व्यवस्था सुनिश्चित हो।
3. डिपो स्तर पर ड्राइवरों की मानसिक और शारीरिक स्थिति की मॉनिटरिंग की जाए।
यदि आप भी रोडवेज बस में किसी प्रकार की लापरवाही का शिकार हुए हों, तो हमें भेजें अपने अनुभव और सबूत – यूथ इंडिया समाचार पत्र छापने तक ही एक जिम्मेदार पत्रकारिता से जनमानस हेतु सुरक्षा सुझाव और शिकायत से सिस्टम को दुरुस्त भी बनाने का प्रयास करेगा। हम आपकी आवाज उठाएंगे। इसके लिए हमारे यूथ इंडिया समाचार पत्र की वेबसाइट www.youthindiatoday.com पर जाकर कर सकते है।