-केदारनाथ हादसा चिंताजनक, निजीकरण से जुड़ी नीतियों पर खड़ा किया सवाल
लखनऊ: राज्यसभा (Rajya Sabha) में विपक्ष के उपनेता प्रमोद तिवारी (Pramod Tiwari) ने केदारनाथ (Kedarnath) में हुए हेलीकॉप्टर हादसे (helicopter accident) को दुखद और अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है। उन्होंने इस दुर्घटना में पायलट सहित सभी श्रद्धालुओं की मौत पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए केंद्र सरकार पर गंभीर सवाल उठाए हैं। तिवारी ने कहा कि देश में लगातार बढ़ती रेल और हवाई दुर्घटनाएं चिंता का विषय बन गई हैं। उन्होंने कहा कि अहमदाबाद में हुए बड़े विमान हादसे के बाद अब केदारनाथ में यह हेलीकॉप्टर दुर्घटना केंद्र की मोदी सरकार की निजीकरण नीतियों को कठघरे में खड़ा करती है।
प्रमोद तिवारी ने आरोप लगाया कि पर्वतीय दुर्गम क्षेत्र में सूर्योदय से पहले उड़ान भरना सुरक्षा मानकों के खिलाफ था। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि क्या हादसे का शिकार हुआ हेलीकॉप्टर सात श्रद्धालुओं को एक साथ ले जाने की तकनीकी क्षमता रखता था? उन्होंने कहा कि सरकार चंद पूंजीपति मित्रों को लाभ पहुंचाने के लिए निजीकरण को बढ़ावा दे रही है, जिससे आम जनता की जान जोखिम में पड़ रही है।
तिवारी ने कहा कि निजी क्षेत्र में पूंजीपति वर्ग मुनाफा कमाने के चक्कर में सुरक्षा और संरक्षा को नजरअंदाज करता है। उन्होंने मोदी सरकार पर आरोप लगाया कि वह घरेलू प्रबंधन के साथ-साथ राष्ट्रीय सुरक्षा और देश के आत्मसम्मान की रक्षा में भी विफल साबित हो रही है। राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कनाडा यात्रा पर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को वहां अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प से भारत-पाक सैन्य टकराव को लेकर की गई ‘सीजफायर’ की टिप्पणी पर कड़ी आपत्ति दर्ज करानी चाहिए।
तिवारी ने कहा कि ट्रम्प को स्पष्ट संदेश देना चाहिए कि सीजफायर उनके द्वारा नहीं कराया गया है और उन्हें भारत की सेना और स्वाभिमान का अपमान करने का कोई अधिकार नहीं है। प्रमोद तिवारी ने भारत की विदेश नीति को लेकर भी चिंता जताई।
उन्होंने कहा कि भारत जो कभी गुटनिरपेक्ष आंदोलन का अगुआ देश था, वह आज सीजफायर के पक्ष में वोट देने से डर रहा है। उन्होंने कहा कि अमेरिका समर्थित इजरायल द्वारा गाजा में बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों पर बमबारी की जा रही है, और भारत इस नरसंहार के खिलाफ सीजफायर के प्रस्ताव पर मतदान करने से पीछे हट गया। उन्होंने इसे मोदी सरकार की “कायरता” करार दिया।
तिवारी ने यह भी आरोप लगाया कि इजरायली सेना ने एक प्लेटफॉर्म पर जम्मू-कश्मीर को पाकिस्तान का हिस्सा दर्शाने की नापाक कोशिश की, जो भारत की संप्रभुता पर सीधा हमला है। उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की कि वह इस पर तत्काल कड़ा रुख अपनाए। प्रमोद तिवारी के बयानों से साफ है कि विपक्ष केंद्र सरकार की निजीकरण नीति, विदेश नीति और सुरक्षा मामलों को लेकर आक्रामक रुख अपनाए हुए है। केदारनाथ हादसे से लेकर वैश्विक कूटनीति तक उन्होंने मोदी सरकार की नीतियों पर निशाना साधा और जवाबदेही की मांग की है।