– तीसरी बार रेपो रेट में कमी से बढ़ेगा उपभोग और उत्पादन
मुकेश गुप्ता
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) द्वारा शुक्रवार को रेपो रेट में 0.5% की कटौती के फैसले को देश की अर्थव्यवस्था के लिए बेहद सकारात्मक बताया जा रहा है। इस कटौती के बाद अब रेपो रेट 6% से घटकर 5.5% रह गया है। इस फैसले से जहां एक ओर आम उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी, वहीं उद्योग जगत को भी नई ऊर्जा मिलने की संभावना जताई जा रही है।
आरबीआई के इस निर्णय पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भारतीय उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल के प्रदेश संगठन मंत्री व प्रदेश सह-मीडिया प्रभारी तथा एसबीआई से सेवानिवृत्त अर्थशास्त्री मुकेश गुप्ता ने कहा कि “यह लगातार तीसरी बार है जब RBI ने रेपो रेट में कटौती की है — 7 फरवरी, 9 अप्रैल और अब 6 जून 2025 को। इससे साफ संकेत मिलता है कि केंद्रीय बैंक देश में आर्थिक गतिविधियों को गति देने के उद्देश्य से ब्याज दरों को सस्ती कर रहा है।”
उन्होंने बताया कि रेपो रेट वह दर होती है जिस पर RBI वाणिज्यिक बैंकों को ऋण देता है। रेपो रेट कम होने से बैंक सस्ते दर पर ऋण उठाएंगे और आम जनता को भी कम ब्याज पर ऋण उपलब्ध कराएंगे। इससे ईएमआई घटेगी, जिससे उपभोक्ता अन्य आवश्यक वस्तुओं की ओर खर्च बढ़ा सकेंगे, जिससे बाजार में मांग बढ़ेगी।
उद्योग जगत को होगा सीधा लाभ
मुकेश गुप्ता ने कहा कि रेपो रेट में कमी से उद्योगों को भी कम दर पर पूंजी मिल सकेगी, जिससे उत्पादन लागत घटेगी। अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा में यह लाभकारी साबित होगा और भारतीय उत्पाद वैश्विक बाजार में बेहतर स्थिति में पहुँच सकेंगे।
रोजगार के नए अवसर होंगे सृजित
उन्होंने यह भी कहा कि जब उपभोग बढ़ेगा तो उद्योगों को उत्पादन बढ़ाना पड़ेगा। इसके लिए अतिरिक्त मैनपावर की जरूरत होगी, जिससे रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे। साथ ही बैंकों के पास भी अतिरिक्त फंड उपलब्ध होगा, जो ऋण वितरण को और गति देगा।
श्री गुप्ता ने विश्वास जताया कि “RBI के इस कदम से वैश्विक सुस्ती के बीच भी भारत की आर्थिक विकास दर को मजबूती मिलेगी। इससे विदेशी निवेशकों का विश्वास भी बढ़ेगा और देश में निवेश के नए अवसर उत्पन्न होंगे।”
उन्होंने RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा के इस निर्णय को दूरदर्शी बताते हुए कहा कि यह निर्णय भारत को आर्थिक रूप से नई ऊँचाइयों तक पहुँचाने में सहायक सिद्ध होगा।