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Friday, June 6, 2025

दलित की गैर इरादतन हत्या में तीन दोषी

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– विशेष न्यायाधीश की अदालत ने दोषियों को माना कसूरवार, 11 जून को सुनाई जाएगी सजा

फर्रुखाबाद: फतेहगढ़ कोतवाली (Fatehgarh Kotwali) क्षेत्र के महरूपुर सहजू गांव (Sahaju village) में दलित व्यक्ति की दस साल पहले हुई गैर इरादतन हत्या के मामले में कोर्ट ने तीन आरोपियों को दोषी (Guilty) करार दिया है। विशेष न्यायाधीश एससी/एसटी एक्ट अभिनीतम उपाध्याय की अदालत ने गवाहों और साक्ष्यों के आधार पर यह फैसला सुनाया। दोषियों को अब 11 जून को सजा सुनाई जाएगी।

मामले की शुरुआत वर्ष 2014 में हुई थी, जब महरूपुर सहजू निवासी रंजीत पुत्र दीवारीलाल ने गांव के ही तीन लोगों—पवन शुक्ला, मोनू नवीन कटियार और कलेक्टर- के खिलाफ अपने पिता दीवारीलाल की हत्या का आरोप लगाते हुए रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पीड़ित के अनुसार, 6 अगस्त 2014 की रात करीब एक बजे वह अपने पिता की तलाश कर रहा था, तभी गांव की पुलिया के नीचे बने गड्ढे में उसने देखा कि पवन, मोनू और कलेक्टर मिलकर उसके पिता दीवारीलाल का गला दबा रहे थे और मुंह पर लात-घूंसे मार रहे थे।

रंजीत के अनुसार, जैसे ही आरोपियों ने उसे देखा, उन्होंने जान से मारने की धमकी दी और मौके से फरार हो गए। घायल दीवारीलाल को अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। मामले में पुलिस ने अनुसूचित जाति उत्पीड़न और गैर इरादतन हत्या की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की। विवेचक ने तीनों आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। लंबी कानूनी प्रक्रिया के बाद कोर्ट ने तीनों आरोपियों—पवन शुक्ला, मोनू नवीन कटियार और कलेक्टर—को दोषी करार दिया है। अब 11 जून को अदालत द्वारा सजा का ऐलान किया जाएगा।

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