यूथ इंडिया (हृदेश कुमार): भारत की सरजमीं पर एक बार फिर शौर्य की गूंज सुनाई दी जब सेना ने आतंकी हमले का करारा जवाब देते हुए “ऑपरेशन सिंदूर” को अंजाम दिया। यह जवाब उस एक चुटकी सिंदूर की कीमत का प्रतीक बना, जो आतंकियों की गोलीबारी में वीरगति को प्राप्त हुए कानपुर निवासी शुभम द्विवेदी की पत्नी की मांग से उजड़ गया था।
महज सात दिन पहले शादी के बंधन में बंधे शुभम द्विवेदी, अपनी पत्नी के साथ कश्मीर के पहलगाम घूमने गए थे। लेकिन देश के इन दोनों नवविवाहितों पर आतंक का कहर टूट पड़ा। आतंकियों ने शुभम पर गोलियों की बौछार कर दी, जिससे वह शहीद हो गए। बेसुध बैठी पत्नी की उजड़ी मांग और उस दर्दनाक दृश्य ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वयं शुभम के अंतिम संस्कार में पहुंचे, और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने भी इस जघन्य हमले पर सख्त रुख अपनाया। इसके बाद जो हुआ, वह भारत की सैन्य क्षमता और साहस का उदाहरण बन गया।
भारतीय सेना ने इस हमले का जवाब “ऑपरेशन सिंदूर” के जरिए दिया, जिसमें सीमापार ठिकानों को निशाना बनाकर आतंकियों को मुंहतोड़ जवाब दिया गया। इस ऐतिहासिक अभियान ने न केवल पाकिस्तान को यह बता दिया कि भारत अपने वीर सपूतों के बलिदान को व्यर्थ नहीं जाने देता, बल्कि दुनिया को भी यह दिखा दिया कि भारतीय सेना जब संकल्प लेती है तो उसे पूरा करके ही दम लेती है।
पाकिस्तान इस ऑपरेशन के बाद अंतरराष्ट्रीय दबाव और आंतरिक उथल-पुथल से घिर गया है। उसकी सेना और आतंकी संगठन हताश नजर आ रहे हैं। भारत ने स्पष्ट संदेश दे दिया है कि चाहे बहन की राखी हो या पत्नी की मांग का सिंदूर—हर भावनात्मक प्रतीक की रक्षा के लिए देश का हर नागरिक और सैनिक हर समय तैयार है।
“यूथ इंडिया” भारतीय सेना के साहस को नमन करता है। यह भी केंद्र सरकार, रक्षा मंत्रालय और समस्त राजनीतिक दलों के सहयोग की सराहना करता है, जिन्होंने इस ऑपरेशन को समर्थन देकर शहीद के बलिदान को सच्ची श्रद्धांजलि दी।
एक चुटकी सिंदूर की कीमत जान गया पाकिस्तान,मान गया विश्व
