37.6 C
Lucknow
Sunday, April 20, 2025

RIMS निदेशक प्रो. राजकुमार को पद से हटाया गया, प्रशासनिक लापरवाही और आदेशों की अनदेखी का आरोप

Must read

– ईमानदारी की सज़ा? RIMS निदेशक प्रो. राजकुमार को हटाए जाने से उठा बवाल, कार्यशैली की मिल रही सराहना

रांची। राजेन्द्र आयुर्विज्ञान संस्थान (RIMS) के निदेशक प्रोफेसर राजकुमार को अचानक पद से हटाया जाना अब राज्य की राजनीति और स्वास्थ्य तंत्र में बहस का बड़ा मुद्दा बन चुका है। जिन प्रोफेसर राजकुमार को जनवरी 2024 में निदेशक पद की ज़िम्मेदारी सौंपी गई थी, उन्होंने अल्प समय में ही संस्थान में पारदर्शिता और अनुशासन की मिसाल पेश की थी।

सूत्रों के अनुसार, प्रो. राजकुमार को हटाने की असली वजह उनका भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त रुख और गवर्निंग बॉडी के अनियमित निर्देशों का विरोध करना है। बताया जा रहा है कि उन्होंने डायग्नोस्टिक जांचों के नाम पर निजी एजेंसियों को बिना निविदा भुगतान करने के दबाव को सिरे से खारिज कर दिया था।

पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने इस कार्रवाई को “ईमानदारी की सज़ा” करार देते हुए कहा, “जब कोई अधिकारी नियमों के दायरे में रहकर काम करता है और निजी हितों को बढ़ावा देने वालों के सामने झुकता नहीं, तो उसे हटाने की साजिश रची जाती है।”

वहीं, पूर्व मंत्री सरयू राय ने भी समर्थन में बयान जारी करते हुए कहा, “प्रो. राजकुमार जैसे प्रतिबद्ध और योग्य निदेशक को हटाया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है। सरकार को चाहिए कि वे निर्णय की समीक्षा करे और न्यायसंगत कार्यवाही करे।”
RIMS के अंदरूनी सूत्रों का भी कहना है कि प्रो. राजकुमार के आने के बाद मेडिकल सुविधाओं की गुणवत्ता में सुधार आया, मरीजों की शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई होती थी और स्टाफ में भी अनुशासन दिखाई देने लगा था।

स्वास्थ्य विभाग ने उन्हें हटाने का कारण “अनुशासनहीनता और आदेशों की अनदेखी” बताया है, लेकिन सवाल यह उठ रहा है कि क्या यह कार्रवाई वास्तव में प्रशासनिक है या फिर किसी सुनियोजित साजिश का हिस्सा?

अब देखना यह होगा कि सरकार इस निर्णय पर पुनर्विचार करती है या नहीं, लेकिन इतना साफ है कि ईमानदारी और व्यवस्था लाने की कोशिश करने वाले अधिकारियों को हटाना प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था पर गंभीर प्रश्न खड़े करता है।

Must read

More articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Latest article