लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जीरो टॉलरेंस नीति के तहत कार्रवाई के दायरे में आए आईएएस अधिकारी अभिषेक प्रकाश की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। डिफेंस कॉरिडोर के लिए लखनऊ के भटगांव में हुए जमीन अधिग्रहण घोटाले में उन्हें दोषी ठहराया गया है। इस घोटाले में तत्कालीन अपर जिलाधिकारी प्रशासन अमरपाल सिंह समेत 11 अन्य अधिकारियों और 5 कर्मचारियों की भूमिका भी संदिग्ध पाई गई है।
मुख्यमंत्री ने राजस्व परिषद के तत्कालीन अध्यक्ष रजनीश दुबे और कानपुर के तत्कालीन मंडलायुक्त अमित गुप्ता की रिपोर्ट को मंजूरी दे दी है। इसी के आधार पर तत्कालीन जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश को घूस मांगने के आरोप में निलंबित किया जा चुका है। अन्य अधिकारियों और कर्मचारियों पर भी जल्द निलंबन की कार्रवाई होने की संभावना है।
उच्चस्तरीय जांच के अनुसार, लखनऊ के जिलाधिकारी और क्रय समिति के अध्यक्ष ने अपने दायित्वों का सही तरीके से निर्वहन नहीं किया, जिससे शासकीय धन की हानि हुई। अब जांच कमेटी जल्द ही इस घोटाले में शामिल अन्य अधिकारियों के नामों का खुलासा कर सकती है।