– हर्ष गंगवार और सौरभ कटियार को दरकिनार करने पर कार्यकर्ताओं में रोष
फर्रुखाबाद। समाजवादी पार्टी (SP) में पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) को मजबूत करने के दावों के बीच कुर्मी बिरादरी से जुड़े दो प्रमुख युवा नेताओं, हर्ष बाबू गंगवार और उपाध्यक्ष सौरभ कटियार की अनदेखी से सवाल खड़े हो गए हैं। बीते दिनों सपा प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल के आगमन पर जारी प्रेस नोट में हर्ष गंगवार द्वारा आयोजित मुख्य कार्यक्रम का जिक्र तक नहीं किया गया, जबकि पटेल स्वयं सौरभ कटियार के आवास विकास स्थित आवास पर गए थे।
सपा की ओर से जारी प्रेस नोट में हर्ष गंगवार द्वारा आयोजित कार्यक्रम को पूरी तरह नजरअंदाज कर दिया गया, जिससे कार्यकर्ताओं में निराशा है। हर्ष गंगवार और सौरभ कटियार लंबे समय से कुर्मी बिरादरी को पार्टी से जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं, लेकिन पार्टी के इस कदम से पीडीए अभियान की गंभीरता पर सवाल उठने लगे हैं।
पार्टी सूत्रों के अनुसार, हर्ष गंगवार पर यह आरोप लगाया गया कि उन्होंने अपने कार्यक्रम के पोस्टरों में सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और जिलाध्यक्ष की तस्वीर नहीं लगाई। हालांकि, उनके कार्यक्रम में खुद सपा के बड़े नेता शामिल हो रहे थे, जिससे पार्टी का ही प्रचार हो रहा था। इसके बावजूद, उनके कार्यक्रम को महत्व न देने से कार्यकर्ताओं में रोष है।
सपा नेतृत्व द्वारा हर्ष गंगवार और सौरभ कटियार को अनदेखा करने से कुर्मी समाज में नाराजगी बढ़ रही है। सपा का पीडीए समीकरण इन्हीं पिछड़ी जातियों की भागीदारी पर निर्भर करता है, लेकिन अगर पार्टी के ही युवा नेतृत्व को नजरअंदाज किया जाएगा, तो इससे कुर्मी समाज में गलत संदेश जाएगा।
कार्यकर्ताओं का मानना है कि अगर सपा को अपने सामाजिक गठजोड़ को मजबूत करना है, तो जमीनी स्तर पर मेहनत कर रहे नेताओं को उचित सम्मान और पहचान देनी होगी। अन्यथा, पार्टी की इस रणनीति का विपरीत असर पड़ सकता है।