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Saturday, March 8, 2025

समाप्त हुआ 144 साल बाद आयोजित हुआ विशेष, भव्य, दिव्य महाकुंभ!

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महाकुंभ 2025 में बने 3 वर्ल्ड रिकॉर्ड, गिनीज बुक की टीम ने मुख्यमंत्री योगी को सौंपा सर्टिफिकेट।

प्रशांत कटियार
प्रशांत कटियार ✍️

महाकुंभ 2025 एक ऐतिहासिक आयोजन बन गया, जो 144 साल बाद आयोजित हुआ और जिसमें कई महारिकॉर्ड बने। इस महाकुंभ ने ना केवल भारत, बल्कि पूरे विश्व में अपनी छाप छोड़ी। हालांकि, आयोजन के दौरान कुछ विवाद और कठिनाइयां भी सामने आईं, लेकिन इसके बावजूद इस आयोजन ने दुनिया भर में अपनी विशेषता और भव्यता का अहसास कराया। आइए जानते हैं महाकुंभ के उन ऐतिहासिक आंकड़ों को और घटनाओं को जिन्होंने इसे यादगार बना दिया।

★ महारिकॉर्ड-1 : श्रद्धालु

महाकुंभ में 64 करोड़ श्रद्धालु पहुंचे, जो अमेरिका की पूरी आबादी से दोगुने हैं। यह संख्या अपने आप में एक रिकॉर्ड है, जो दर्शाता है कि इस धार्मिक आयोजन में श्रद्धालुओं की असीम आस्था और विश्वास है।

★ महारिकॉर्ड-2 : इन्फ्रास्ट्रक्चर

महाकुंभ का क्षेत्र 4 हजार हेक्टेयर में फैला था, जो दुनिया के सबसे बड़े स्टेडियम से 160 गुना बड़ा था। इतने विशाल क्षेत्र में श्रद्धालुओं के लिए सभी सुविधाओं का प्रबंध किया गया था।

★ महारिकॉर्ड-3 : कुंभ सिटी

4 लाख से ज्यादा तंबू और 1.5 लाख टॉयलेट की व्यवस्था ने कुंभ सिटी को एक तरह से आत्मनिर्भर बना दिया था। यह आयोजन न केवल धार्मिक, बल्कि जनसुविधाओं की दृष्टि से भी अभूतपूर्व था।

★ महारिकॉर्ड-4 : ट्रांसपोर्टेशन

महाकुंभ में श्रद्धालुओं के आने-जाने के लिए 13,830 ट्रेनों और 2,800 से ज्यादा फ्लाइट्स का इंतजाम किया गया। इस दौरान 30.2 करोड़ श्रद्धालु पहुंचे, जिनमें से 4.5 लाख श्रद्धालु फ्लाइट्स से प्रयागराज पहुंचे।

★ महारिकॉर्ड-5 : सिक्योरिटी

महाकुंभ की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर 50 हजार सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की गई और 2700 कैमरों से पूरे आयोजन स्थल की निगरानी की गई। यह सुनिश्चित किया गया कि श्रद्धालु बिना किसी भय के अपने धार्मिक कर्तव्यों का पालन कर सकें।

★ महारिकॉर्ड-6 : हेल्थ

महाकुंभ में स्वास्थ्य सेवाओं का भी व्यापक प्रबंध किया गया। मेला क्षेत्र में 43 अस्पताल बनाए गए और 6 लाख लोगों का इलाज किया गया। यह आयोजन में स्वास्थ्य सुविधाओं के प्रति सरकार की गंभीरता को दर्शाता है।

★ महारिकॉर्ड-7 : स्वच्छता

स्वच्छता को लेकर भी महाकुंभ ने एक मिसाल पेश की। पूरे क्षेत्र में 4 लाख डस्टबिन लगाए गए, और सफाई के लिए 11 हजार कर्मियों की तैनाती की गई। प्रत्येक 25 मीटर पर डस्टबिन की व्यवस्था थी, जिससे क्षेत्र साफ और व्यवस्थित बना रहा।

★ महारिकॉर्ड-8 : कारोबार

महाकुंभ में 3 लाख करोड़ रुपये के कारोबार का अनुमान था। यह आयोजन न केवल धार्मिक बल्कि आर्थिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण था।

घटनाएँ और विवाद

हालांकि महाकुंभ ने अपने आप में कई रिकॉर्ड्स कायम किए, लेकिन इसके साथ ही कुछ विवाद और दुर्घटनाएँ भी घटीं। मेले के दौरान कई बार आग लगी, जिससे मेला क्षेत्र में हड़कंप मच गया। साथ ही, कुछ साधु संत और शंकराचार्य भी नाराज नजर आए, जो आयोजन की व्यवस्थाओं पर सवाल उठा रहे थे।

इसके अलावा, दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएँ भी घटीं, जिनमें कई श्रद्धालुओं की जान गई। विपक्ष इस पर लगातार सवाल उठा रहा है कि सरकार ने मौत के आंकड़ों को छुपाया है और सुरक्षा व्यवस्था की कमी को छिपाया गया। ये मुद्दे अब भी सार्वजनिक विमर्श का हिस्सा बने हुए हैं।

महाकुंभ 2025 ने एक ओर इतिहास रचा, लेकिन इसके साथ ही कुछ कठिनाइयाँ और विवाद भी सामने आए, जिनकी जांच की आवश्यकता है। जहां एक ओर यह आयोजन विशालकाय था, वहीं दूसरी ओर सुरक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं की चुनौतियों ने सवाल उठाए। सरकार और प्रशासन को इस आयोजन से मिली सीखों का इस्तेमाल भविष्य के आयोजनों में करना चाहिए, ताकि किसी भी प्रकार की त्रुटियाँ न हों और लाखों श्रद्धालुओं की आस्था और श्रद्धा का सही तरीके से सम्मान हो।

नोट :- आंकड़े लेखक(प्रशांत कटियार ) के स्वयं के नहीं बल्कि सरकारी दस्तावेजों से मिलते जुलते हैं।

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