यूथ इंडिया संवाददाता, फर्रुखाबाद। जुलाई माह में भीषण उमस भरी गर्मी से आम से लेकर खास सभी परेशान रहे, लेकिन सबसे ज्यादा परेशानी परिषदीय स्कूलों के बच्चों और शिक्षकों को हुई। उमस भरी गर्मी और बिजली की खराब प्रबंधन के कारण आए दिन स्कूलों में बच्चे और शिक्षक-शिक्षिकाएं गश खाकर गिरते रहे।
विभाग के मुखिया ने इस स्थिति में सुधार न करते हुए 1 अगस्त को एक तुगलकी फरमान जारी कर दिया। इस आदेश में कहा गया कि जिन अध्यापक, अध्यापिका और छात्र-छात्राओं की गर्मी के कारण तबियत खराब हो रही है, उन्हें तत्काल समीप के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर ले जाकर उपचार कराया जाए। इसके साथ ही, तबियत खराब होने वाले शिक्षक-शिक्षिका और विद्यार्थियों की तस्वीरें समाचार पत्रों को न भेजकर सम्बन्धित बीईओ और बीएसए के मोबाइल पर भेजने का निर्देश दिया गया। आदेश में आगे चेतावनी दी गई कि अगर किसी भी स्कूल की फोटो समाचार पत्रों में प्रकाशित हुई, तो संबंधित के विरुद्ध कठोर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। बीएसए के इस आदेश पर शिक्षक नेताओं में रोष व्याप्त है। जूनियर शिक्षक संघ के प्रदेश महामंत्री नरेश कौशिक ने कहा, बीएसए ने अपनी कमियां छुपाने के लिए यह आदेश जारी किया है। उनका मानना है कि इस प्रकार के आदेश से शिक्षकों और बच्चों की समस्याओं का समाधान नहीं होगा।