महसी (बहराइच)। महसी क्षेत्र के प्रसिद्ध समाजसेवी, जमींदार और ब्राह्मण समाज के प्रेरणास्रोत स्वर्गीय पं. बाबूराम बाजपेई जी की 23वीं पुण्यतिथि उनके पैतृक निवास रामनिधि नगर, बहोरिकपुर (निकट तहसील मुख्यालय महसी) में श्रद्धा और भावनाओं के साथ मनाई गई। कार्यक्रम में अधिवक्ता संघ बहराइच के अध्यक्ष एवं उनके सुपुत्र पं. रामजी बाजपेई एडवोकेट सपरिवार मौजूद रहे।
प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी पुण्यतिथि पर क्षेत्र के सैकड़ों जनप्रतिनिधि, अधिवक्ता, विद्वान, ब्राह्मण समाज के प्रमुखजन और ग्रामवासी एकत्र हुए। सभी ने सामूहिक रूप से श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए उन्हें शत् शत् नमन किया और सामूहिक भोज में भाग लिया।
सभा में वक्ताओं ने स्व. पं. बाबूराम बाजपेई को महसी का “लौहपुरुष” बताते हुए उनके अनुशासित जीवन, दृढ़ निश्चय, त्याग और समाजसेवा की भावना की सराहना की। उन्होंने बताया कि बाबूराम बाजपेई न केवल एक सफल जमींदार थे, बल्कि समाज के कमजोर वर्गों की मदद और न्याय के पक्षधर भी थे।
इस अवसर पर लोकप्रिय विप्रशिरोमणि पं. देवेश चंद्र मिश्र मंजनू, पूर्व जिला पंचायत सदस्य पं. केदारनाथ अवस्थी, शिक्षाविद् पं. रामसागर पांडेय, अधिवक्ता श्री जयप्रकाश सिंह, पं. गिरिजेश दत्त बाजपेई, पं. पुण्डरीक पांडेय, पं. चंचरीक पांडेय, पं. कृष्ण मुरारी त्रिपाठी, पं. शिवशंकर बाजपेई, पं. मोहित बाजपेई, पं. बेचे लाल बाजपेई, पं. बराती लाल बाजपेई, पं. परमानंद बाजपेई, पं. तीरथराम शुक्ल, पं. रामानंद बाजपेई, पं. शिवशरण बाजपेई, पं. राजेश दत्त बाजपेई, पं. धर्मेंद्र मिश्र सोनू, लोकनाथ त्रिवेदी, रामगोपाल बाजपेई, संतशरण बाजपेई, पं. माधव दीन मिश्र, प्रमोद कुमार, पूर्व प्रधान रेहुआ मंसूर ज्ञानी बाबा सहित सैकड़ों क्षेत्रीय सम्भ्रांतजन एवं ग्रामवासी मौजूद रहे।
कार्यक्रम का समापन सामूहिक भोज और स्व. पं. बाबूराम बाजपेई के जीवन दर्शन पर आधारित विचार गोष्ठी के साथ हुआ, जिसमें उन्हें सच्चे अर्थों में ‘पितृ देवो भव’ की संज्ञा दी गई।