– रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में ‘युवा आध्यात्मिक शिखर सम्मेलन’
वाराणसी: केंद्रीय युवा मामले और खेल मंत्रालय द्वारा शुक्रवार को वाराणसी (Varanasi) के रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में ‘युवा आध्यात्मिक शिखर सम्मेलन’ की शुरुआत हुई। “विकसित भारत (developed india) के लिए नशामुक्त युवा” विषय पर आयोजित इस सम्मेलन में देशभर के 122 आध्यात्मिक और सामाजिक- सांस्कृतिक संगठनों से जुड़े 600 से अधिक युवा प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं।
कार्यक्रम का उद्घघाटन करते हुए केंद्रीय युवा मामले, खेल, श्रम और रोजगार मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने कहा कि देश तभी विकसित बन सकता है जब युवा न केवल नशीले पदार्थों, बल्कि मोबाइल और रील्स जैसी लतों से भी दूर रहें। उन्होंने जोर देकर कहा कि नशामुक्त भारत के निर्माण में युवाओं की भूमिका निर्णायक होगी।
डॉ. मंडाविया ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा स्वतंत्रता दिवस 2022 को लाल किले से दिए गए ‘पंच प्राण’ के विज़न के तहत अगले 25 वर्षों में भारत को विकसित राष्ट्र बनाने की दिशा में यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण कदम है। देश की 65 प्रतिशत आबादी 35 वर्ष से कम उम्र की है, जो राष्ट्रीय विकास की प्रमुख ताकत है। मादक द्रव्यों का सेवन युवाओं के जीवन और भविष्य के लिए एक गंभीर खतरा बन चुका है। उन्होंने धार्मिक और सामाजिक नेताओं से आह्वान किया कि वे नशा विरोधी अभियान का हिस्सा बनें और अपने मंचों के माध्यम से समाज में जागरूकता फैलाएं।
सम्मेलन के दौरान डॉ. मंडाविया ने यह भी सुझाव दिया कि प्रत्येक नागरिक कम से कम पांच अन्य लोगों को नशा मुक्ति के लिए प्रेरित करने का संकल्प ले, ताकि यह अभियान एक जन आंदोलन का रूप ले सके। दो दिवसीय यह सम्मेलन 20 जुलाई को ‘काशी घोषणा’ के साथ संपन्न होगा, जिसमें नशामुक्त भारत के लिए युवाओं और आध्यात्मिक संगठनों की सामूहिक प्रतिबद्धता दर्ज की जाएगी। यह घोषणा एक राष्ट्रव्यापी कार्य योजना और नीति मार्गदर्शिका के रूप में कार्य करेगी।
ये सत्र विशेषज्ञों की वार्ता, पैनल चर्चाएं और संवाद आधारित गतिविधियों के माध्यम से आयोजित हो रहे हैं, जिनका उद्देश्य युवाओं को राष्ट्रीय रणनीति निर्माण में सक्रिय भागीदार बनाना है।
सम्मेलन में चार प्रमुख विषयों पर सत्र आयोजित किए जा रहे हैं :-
1. नशे की लत और उसका युवाओं पर प्रभाव
2. नशीली दवाओं के नेटवर्क को समाप्त करने की रणनीतियाँ
3. जनजागरूकता अभियान और संचार माध्यम
4. 2047 तक नशामुक्त भारत का रोडमैप