14 साल पहले जमीन के लालच में की थी नृशंस हत्या, कोर्ट ने 5 अगस्त को सजा सुनाने की तय की तारीख
फर्रुखाबाद: करीब 14 साल पुराने एक जघन्य हत्याकांड (murdering) में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (एडीजे) तृतीय शैलेन्द्र सचान की अदालत ने आरोपी छोटे भाई को दोषी ठहराया है। बड़े भाई की हत्या के मामले में सहअभियुक्त एक दंपती को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया गया है। अब दोषी (guilty) को आगामी 5 अगस्त को सजा सुनाई जाएगी।
यह मामला शहर कोतवाली क्षेत्र के गांव चांदपुर का है। अभियुक्त अरुण कुमार कटियार, पुत्र ग्रीश चंद्र कटियार, ने अपने ही 60 वर्षीय बड़े भाई मुन्नू सिंह की 4 सितम्बर 2011 को हत्या कर दी थी। दोनों भाई अविवाहित थे और एक ही घर में रहते थे। मामले की शुरुआत उस वक्त हुई जब अरुण कुमार ने पुलिस को बताया कि 4 सितम्बर की शाम वह खेतों की रखवाली के लिए गया था, और जब वापस लौटा तो मुन्नू सिंह मृत अवस्था में तख्त पर पड़ा मिला। उसने हत्या का आरोप गांव के ही निवासी हीरालाल अवस्थी पुत्र रामरूप और उनकी पत्नी मीरा देवी पर लगाया।
पुलिस जांच में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। जमीन के लालच में आकर अरुण कुमार ने ही अपने भाई की नाक और मुंह दबाकर हत्या कर दी थी। गहन पूछताछ में अरुण ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया। इसके बाद पुलिस ने अरुण कुमार, हीरालाल अवस्थी और मीरा देवी के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर न्यायालय में चार्जशीट दाखिल की।
मामले की सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से अधिवक्ता अनुज प्रताप सिंह ने अदालत में मजबूत साक्ष्य और गवाह प्रस्तुत किए। कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद अरुण कुमार को भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या) के अंतर्गत दोषी करार दिया। हालांकि, साक्ष्य के अभाव में सहअभियुक्त हीरालाल अवस्थी और उनकी पत्नी मीरा देवी को अदालत ने दोषमुक्त कर दिया है। दोषी अरुण कुमार को अब 5 अगस्त 2025 को सजा सुनाई जाएगी।