लखनऊ: ललित कला अकादेमी, क्षेत्रीय केन्द्र Lucknow द्वारा आयोजित सेवा पर्व 2025 के अवसर पर “विकसित भारत के रंग, कला के संग” विषय पर आयोजित एक दिवसीय चित्रकला कार्यशाला एवं सम्मान समारोह में शहर के प्रतिभाशाली कलाकारों को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर भातखंडे संस्कृति विश्वविद्यालय, लखनऊ की कुलपति प्रो. मांडवी सिंह (Vice Chancellor Prof. Mandvi Singh) , डॉ. वंदना सहगल (डीन एवं प्राचार्य, वास्तुकला एवं योजना संकाय, ए.पी.जे. अब्दुल कलाम तकनीकी विश्वविद्यालय, लखनऊ) तथा डॉ. देवेन्द्र त्रिपाठी (क्षेत्रीय सचिव, ललित कला अकादेमी) की गरिमामयी उपस्थिति रही।
सम्मान समारोह में तीन श्रेणियों — प्रोफेशनल कलाकार, कॉलेज के युवा कलाकार एवं स्कूल के विद्यार्थी — में पुरस्कार प्रदान किए गए। कॉलेज के युवा कलाकार श्रेणी में मरिया खातून ने प्रथम पुरस्कार प्राप्त कर शहर का नाम रोशन किया। कुलपति प्रो. मांडवी सिंह ने मरिया खातून को अंगवस्त्र पहनाकर एवं सम्मान पत्र व चेक प्रदान कर सम्मानित किया।
मरिया खातून एक प्रतिभाशाली युवा कलाकार हैं, जिनके चित्रों में सजीवता और गहराई देखने को मिलती है। कला जगत के जानकार उन्हें “नवोदित सितारा” मानते हैं। उनकी कूची में परंपरा और आधुनिकता का सुंदर संगम झलकता है। मरिया खातून का कहना है कि— “कला समाज को जोड़ने और सकारात्मक संदेश देने का सबसे सशक्त माध्यम है।”
ललित कला अकादेमी, जो देश की शीर्षस्थ दृश्य कला की संस्था है, समय-समय पर राष्ट्रीय, अंतर्राष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय स्तर पर कला एवं कलाकारों को प्रोत्साहन देती रही है। सेवा पर्व 2025 के अंतर्गत आयोजित इस कार्यशाला में स्वतंत्र चित्रकारों के साथ-साथ विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों, विद्यालयों के छात्र-छात्राओं एवं शहर के नामी कलाकारों ने भी सहभागिता की। मरिया खातून को मिला यह सम्मान न केवल उनके कला-सफर का अहम पड़ाव है, बल्कि आने वाली युवा पीढ़ी के लिए भी प्रेरणा का स्रोत है।