लखनऊ: समाजवादी पार्टी (SP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने आरोप लगाया है कि भाजपा सरकार (BJP government) उत्तर प्रदेश और देश के अन्य हिस्सों में घुसपैठ के नाम पर गरीबों और ज़रूरतमंदों को परेशान कर रही है। “लखनऊ में घुसपैठियों की जाँच का कोई औचित्य नहीं है; यहाँ कोई घुसपैठिया है ही नहीं। भाजपा नेता और उनके सहयोगी किस हैसियत से यह जाँच कर रहे हैं? अगर घुसपैठिए हैं, तो प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और रक्षा मंत्री इतने समय से क्या कर रहे थे? गरीबों का अपमान और उत्पीड़न किया जा रहा है।”
लखनऊ के गोसाईंगंज में शुक्रवार को पत्रकारों से बात करते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि आगामी चुनावों में जनता भाजपा को निर्णायक रूप से हराएगी। सपा अध्यक्ष ने बिहार में जारी किसानों की सूची और आधार कार्ड व अन्य दस्तावेज़ प्राप्त करने की प्रक्रिया पर भी सवाल उठाए। उन्होंने पूछा कि अगर दस्तावेज़ फ़र्ज़ी पाए गए तो अधिकारियों के ख़िलाफ़ क्या कार्रवाई की गई। उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा लोगों का ध्यान वास्तविक मुद्दों से हटाने के लिए भय पैदा कर रही है।’’
उन्होंने कोडीन-आधारित कफ सिरप से जुड़े “बड़े घोटाले” पर भी हमला बोला। उन्होंने कहा कि वाराणसी और कई अन्य राज्यों में एक बड़ा घोटाला सामने आया है। सपा प्रमुख ने आरोप लगाया, “शुरुआत में इसका मूल्य 100 करोड़ रुपये आंका गया था, लेकिन अब यह 200 करोड़ रुपये से अधिक हो सकता है। पुलिस, प्रशासन और भाजपा के लोग इस अवैध कारोबार में शामिल हैं।”
अखिलेश ने कहा कि इस अवैध कारोबार में कई लग्जरी कारें बांटी गईं, लेकिन शोरूम मालिक यह जानकारी छिपा रहे हैं कि ये गाड़ियां किसे मिलीं। “वाराणसी और जौनपुर में बड़े पैमाने पर कारें बांटी गईं।” भाजपा सरकार की बुलडोजर कार्रवाई पर निशाना साधते हुए सपा अध्यक्ष ने कहा कि पहले बुलडोजर को न्याय का प्रतीक बताया जाता था, लेकिन अब वह कहीं दिखाई नहीं देता। “सबसे बड़ा अन्याय पीडीए (पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक) समुदाय पर हुआ है। बुलडोज़र सिर्फ़ वहीं चलाए गए जहाँ समाज के कमज़ोर तबके के लोग रहते थे। अब जब अवैध धंधों का पर्दाफ़ाश हो गया है, तो बुलडोज़र कहीं नज़र नहीं आ रहे। शायद ड्राइवर खो गया है या चाबी गुम हो गई है।”
अखिलेश यादव ने भाजपा पर संविधान विरोधी मानसिकता का आरोप लगाते हुए कहा कि वे संविधान का सम्मान नहीं करते। उन्होंने कहा, “एसआईआर (विशेष गहन पुनरीक्षण) दरअसल एनआरसी (राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर) का ही एक रूप है। भाजपा लोगों की भावनाओं से खेल रही है।” उन्होंने केंद्र सरकार की आर्थिक नीतियों पर भी सवाल उठाए। डॉलर के बढ़ते मूल्य और व्यापार चुनौतियों का ज़िक्र करते हुए उन्होंने कहा कि विश्व राजनीति में भारत की भूमिका पर गंभीरता से विचार करने की ज़रूरत है। उन्होंने कहा, “रूसी राष्ट्रपति यहाँ व्यापार के लिए आए हैं, हमारी मदद करने के लिए नहीं।”


