21 C
Lucknow
Tuesday, October 28, 2025

योगी कैबिनेट का बड़ा फैसला, 24 साल बाद संस्कृत विद्यालयों/महाविद्यालयों के विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति में की वृद्धि

Must read

लखनऊ । योगी कैबिनेट (Yogi Cabinet) ने मंगलवार को बड़ा निर्णय लेते हुए 24 साल बाद प्रदेश में संस्कृत विद्यालयों और महाविद्यालयों के विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति में वृद्धि का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) की अगुवाई में लोकभवन में आयोजित मंत्रिमंडल की बैठक में उत्तर प्रदेश में संस्कृत विद्यालयों/महाविद्यालयों में अध्ययन करने वाले छात्र-छात्राओं के लिए वर्ष 2001 से लागू वर्तमान छात्रवृति दरों में संशोधन / वृद्धि के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की है। मालूम हो कि संस्कृत विद्यालयों/महाविद्यालयों के विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति को 24 साल बाद बढ़ाया गया है। इससे पूर्व आखिरी बार 2001 में छात्रवृत्ति तय हुई थी। उल्लेखनीय है कि मंत्रिमंडल की बैठक में कुल 14 प्रस्ताव रखे गए, जिसमें 13 प्रस्तावों को मंत्रिमंडल से अनुमोदन प्राप्त हो गया।

कक्षा 6 व 7 के छात्रों को भी मिलेगा छात्रवृत्ति का लाभ

माध्यमिक शिक्षा मंत्री गुलाब देवी ने इस प्रस्ताव के संबंध में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मंत्रिमंडल ने माध्यमिक शिक्षा विभाग से संबंधित इस महत्वपूर्ण प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की है। इसके अंतर्गत प्रथमा के कक्षा 6 एवं 7 के लिए 50 रुपए प्रतिमाह और कक्षा 8 के लिए 75 रुपए प्रतिमाह निर्धारित किए गए हैं। इसके साथ ही, पूर्व मध्यमा (कक्षा 9 व 10) के लिए 100 रुपए, उत्तर मध्यमा (कक्षा 11 व 12) के लिए 150 रुपए, शास्त्री के लिए 200 रुपए एवं आचार्य के लिए 250 रुपए प्रति माह की दर से दिए जाने के प्रस्ताव पर मंत्रिपरिषद द्वारा अनुमोदन प्रदान किया गया।

किसी भी आय वर्ग के छात्र ले सकेंगे लाभ

माध्यमिक शिक्षा मंत्री ने बताया कि संस्कृत की शिक्षा ग्रहण करने वाले ज्यादातर छात्र और छात्राएं निर्धन परिवारों की पृष्ठभूमि से होते हैं, इसलिए संस्कृत शिक्षा के अंतर्गत प्रथमा कक्षा छ और सात और आठ के छात्रों को छात्रवृत्ति दिए जाने की व्यवस्था की गई है। 6 और 7 के बच्चों को पहले छात्रवृत्ति दिए जाने की कोई व्यवस्था नहीं थी, लेकिन अब मुख्यमंत्री जी के निर्देश पर सरकार ने उन्हें भी छात्रवृत्ति प्रदान करने का निर्णय लिया है। छात्रवृत्ति में जो संशोधन किया गया है वो पहले की तुलना में कहीं ज्यादा है। इसका लाभ सीधे-सीधे विद्यार्थियों को प्राप्त होगा। यह निर्णय संस्कृत शिक्षा को प्रोत्साहित करने के लिए किया गया है।

इसमें पहले कैपिंग थी कि 50 हजार रुपए वार्षिक आय वाले ही इसमें पात्र होंगे, लेकिन अब इस शर्त को हटा लिया गया है। अब इसमें आय वर्ग का कोई कैप नहीं है। किसी प्रकार का कोई भी व्यक्ति चाहे किसी आय वर्ग का हो, अगर वो संस्कृत का विद्यार्थी बनेगा तो उसे छात्रवृत्ति का लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि संस्कृत ही सभी भाषाओं की जननी है, इसलिए सरकार पूरी तरीके से इस पर ध्यान दे रही है। वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि प्रदेश में कुल 517 संस्कृत विद्यालय हैं, जहां विद्यार्थी इस योजना का लाभ ले सकेंगे।

अब 30 साल तक पर्यटक आवास गृह का प्रबंधन कर सकेंगे निजी उद्यमी

उत्तर प्रदेश में आने वाले देशी विदेशी पर्यटकों को बेहतर आवासीय एवं खान-पान की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम लि. द्वारा संचालित पर्यटक आवास गृहों को प्रबंधकीय संविदा के आधार पर निजी उद्यमियों के माध्यम से संचालित कराने की समयसीमा को 5 वर्ष से बढ़ाकर 30 वर्ष (15+15) कर दिया है। पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि विगत कुछ वर्षों में उत्तर प्रदेश में आने वाले देशी और विदेशी पर्यटकों की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है। 2016-17 में लगभग 16 करोड़ पर्यटक आए थे तो 2023 में 48 करोड़ पर्यटक उत्तर प्रदेश में आए। इस साल इसमें और वृद्धि होने की संभावना है।

योगी कैबिनेट बैठक में कई अहम प्रस्तावों को मंजूरी

वहीं 2025 में महाकुंभ भी है, जिसमें बड़ी संख्या में पर्यटक प्रदेश में आएंगे। उनके ठहरने और खाने-पीने की व्यवस्था संभव हो सके, इसके लिए पर्यटन विकास निगम के पर्यटक आवास गृह संचालित किए जा रहे हैं। इनमें तमाम पर्यटक आवास गृह ऐसे हैं जो जीर्ण शीर्ण अवस्था में है और कर्मचारियों की कमी से भी जूझ रहे हैं। ऐसे में प्रदेश में निजी पर्यटन उद्यमियों को प्रोत्साहित करने एवं रोजगार के नए अवसर सृजित करने के उद्देश्य से निगम द्वारा संचालित इकाइयों को चरणबद्ध तरीके से न्यूनतम 15 वर्ष की अवधि एवं आगामी 15 वर्षों के लिए आपसी सहमति के आधार पर विस्तारित किए जाने का निर्णय लिया गया है।

इसे निविदा आमंत्रित कर संचालित कराया जाएगा। निजी उद्यमियों के इकाइयों के संचालन से पर्यटकों को मिलने वाली सुविधाओं में गुणात्मक सुधार होगा, उद्यमिता को प्रोत्साहन मिलेगा तथा रोजगार के नए अवसर भी उत्पन्न होंगे। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम द्वारा संचालित इकाइयों को निजी उद्यमियों, संस्थाओं के माध्यम से न्यूनतम 15 वर्ष की अवधि और इसके बाद लीजरेंट में 15 प्रतिशत की वृद्धि की शर्त के साथ विस्तारीकरण आगामी 15 वर्षों हेतु किया जाएगा। प्रत्येक वर्ष निवेशकर्ता द्वारा पर्यटन निगम को दी जाने वाली धनराशि में 5 प्रतिशत की वृद्धि का भी प्रावधान रखा जाएगा।

Must read

More articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Latest article