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Tuesday, September 23, 2025

योगी आदित्यनाथ ने रचा इतिहास, उत्तर प्रदेश के सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहने का रिकॉर्ड बनाया

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– 8 साल 4 महीने 10 दिन… पूर्व CM से भी निकले आगे

लखनऊ: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की राजनीति में एक नया अध्याय जुड़ गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने प्रदेश के सबसे लंबे समय तक लगातार मुख्यमंत्री रहने का रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया है। योगी आदित्यनाथ 8 साल, 4 महीने और 10 दिन तक मुख्यमंत्री पद पर रहकर अब तक का सबसे लंबा कार्यकाल पूरा करने वाले मुख्यमंत्री बन गए हैं। उन्होंने इस दौरान देश के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और उत्तर प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री गोविंद बल्लभ पंत का 8 साल 127 दिन का रिकॉर्ड भी तोड़ दिया।

योगी आदित्यनाथ ने पहली बार 19 मार्च 2017 को उत्तर प्रदेश के 21वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। इसके बाद 2022 के विधानसभा चुनाव में ऐतिहासिक जीत के साथ उन्होंने लगातार दूसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। योगी उत्तर प्रदेश के पहले ऐसे मुख्यमंत्री बने हैं जिन्होंने पांच साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद लगातार दूसरी बार सत्ता में वापसी की है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का जन्म 5 जून 1972 को उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल में हुआ था। उनका मूल नाम अजय मोहन सिंह बिष्ट है। वह न सिर्फ राजनीति में बल्कि आध्यात्मिक जीवन में भी अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं। गोरखपुर स्थित गोरखनाथ मंदिर के महंत के रूप में वह पूर्वी उत्तर प्रदेश की धार्मिक और राजनीतिक दिशा तय करने वाली प्रमुख हस्ती माने जाते हैं। 2014 में अपने गुरु महंत अवैद्यनाथ के निधन के बाद वह गद्दी के उत्तराधिकारी बने।

राजनीतिक सफर की शुरुआत उन्होंने मात्र 26 वर्ष की उम्र में की, जब 1998 में गोरखपुर से सांसद चुने गए। वे लगातार पांच बार गोरखपुर लोकसभा सीट से चुनाव जीतते रहे। अपनी बेबाक शैली, कट्टर बयानबाज़ी और प्रशासनिक सख्ती के लिए पहचाने जाने वाले योगी आदित्यनाथ ने कानून व्यवस्था से लेकर अवैध कब्जों और माफिया राज के खिलाफ कड़े कदम उठाकर जनता के बीच अलग पहचान बनाई। 2017 के विधानसभा चुनावों में भाजपा की प्रचंड जीत में उनकी भूमिका निर्णायक रही।

इसके बाद 2022 में भी योगी लहर कायम रही और उन्होंने दोबारा सत्ता में वापसी कर इतिहास रच दिया। अब सभी की निगाहें 2027 के विधानसभा चुनाव पर टिकी हैं, जहां एक बार फिर योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व की परीक्षा होगी। अपने अब तक के कार्यकाल में योगी आदित्यनाथ ने खुद को न केवल एक प्रभावशाली प्रशासक बल्कि एक मजबूत जननेता के रूप में भी स्थापित किया है। उत्तर प्रदेश जैसे विशाल और विविध राज्य में उनका यह रिकॉर्ड भविष्य के नेताओं के लिए एक मील का पत्थर साबित होगा।

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