अयोध्या में ध्वजारोहण की पूर्व संध्या पर दिव्य क्षण:

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योगी आदित्यनाथ ने रामलला के दर्शन कर की लोकमंगल की कामना

“आजु सफल तपु तीरथ त्यागू,
आजु सुफल जप जोग बिरागू।
सफल सकल सुभ साधन साजू,
राम तुम्हहि अवलोकत आजू॥”

अयोध्या| गोस्वामी तुलसीदास की ये पंक्तियाँ उस अद्भुत आध्यात्मिक अनुभूति को अभिव्यक्त करती हैं, जब साधक को अपने आराध्य का साक्षात दर्शन होता है। अयोध्या धाम में बीती संध्या ठीक वही दिव्य अनुभूति लिए हुए थी—भक्ति, उल्लास और आध्यात्मिक शांति का अद्भुत संगम।
श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के शिखर पर होने वाले ध्वजारोहण से पहले का पावन क्षण
अयोध्या का वातावरण लोकमंगल, भक्ति और पवित्रता से ओतप्रोत था।
भव्य-दिव्य-नव्य श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के शिखर पर होने वाले ध्वजारोहण से ठीक एक दिन पहले का यह अवसर हर भक्त के हृदय में अवर्णनीय ऊर्जा भर देने वाला था।
धर्म और राष्ट्र के संयोग से गूंजी रामनगरी में घंट, घड़ियाल और वैदिक मंत्रों की ध्वनि मानो यह बता रही थी कि अयोध्या अब एक नए अध्याय की ओर अग्रसर है—सांस्कृतिक पुनर्जागरण का स्वर्णिम अध्याय।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने श्री अयोध्या धाम पहुँचकर प्रभु श्री रामलला के दर्शन-पूजन किए।
उन्होंने लोककल्याण, लोकमंगल और धर्म-ध्वजा की स्थायी प्रतिष्ठा के लिए प्रार्थना की।
रामलला के समक्ष योगी आदित्यनाथ का यह प्रण, यह भक्ति और यह विनम्रता अयोध्या के आध्यात्मिक वातावरण को और अधिक पवित्र बना गई।
उनका यह संदेश स्पष्ट था—
राम राज्य का आदर्श केवल एक धार्मिक विचार नहीं, बल्कि सुशासन, सद्भाव और लोककल्याण का मॉडल है।
पूरा अयोध्या धाम दीपों, पुष्पों और आध्यात्मिक आभा से नहाया हुआ प्रतीत हो रहा है।
ध्वजारोहण की पूर्व संध्या पर शहर की हर गली, हर मंदिर और हर हृदय में एक ही नाम था—“श्रीराम”।
श्रद्धालुओं के चेहरे पर अपार उल्लास,साधु-संतों के मुख पर संतोष और शांति,और मंदिर परिसर में अद्भुत दिव्यता सब कुछ मिलकर यह साबित कर रहा था कि रामनगरी आज अपने स्वर्णिम युग का साक्षी बन रही है।
श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के शिखर पर होने वाले ध्वजारोहण का यह अवसर न केवल धार्मिक महत्व का है, बल्कि यह भारत की सांस्कृतिक चेतना के जागरण का प्रतीक है।
योगी आदित्यनाथ का दर्शन-पूजन इस दिव्यता को और भी प्रखर बनाता है।
रामनगरी की यह अनुभूति, यह आस्था और यह पावन क्षण आने वाली पीढ़ियों के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में दर्ज होगा
क्योंकि जब अयोध्या जगमगाती है, तो पूरा राष्ट्र आलोकित हो उठता है।

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