– बंदियों ने योग से पाया आत्मिक शांति का संदेश, अधिकारियों ने की सहभागिता
फर्रुखाबाद, फतेहगढ़। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के 11वें संस्करण के अवसर पर शनिवार को जिला कारागार (महिला एवं पुरुष शाखा), फतेहगढ़ में एक विशेष योगाभ्यास कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में जेल प्रशासन के अधिकारियों के साथ-साथ बंदियों ने भी उत्साहपूर्वक भाग लिया।
योगाभ्यास सत्र का संचालन योग प्रशिक्षक शालिनी सक्सेना द्वारा किया गया, जिन्होंने बंदियों को विभिन्न योगासन, प्राणायाम एवं ध्यान की विधियां सिखाईं। शालिनी सक्सेना ने बताया कि योग सिर्फ शारीरिक व्यायाम नहीं, बल्कि मानसिक और आत्मिक संतुलन का माध्यम है, जो जेल जैसी परिस्थितियों में भी व्यक्ति को शांति प्रदान कर सकता है।
इस अवसर पर जिला जेल अधीक्षक , जेलर तथा चीफ फार्मासिस्ट सहित अन्य अधिकारीगण भी उपस्थित रहे। उन्होंने स्वयं भी योगाभ्यास किया और बंदियों को योग को अपनी दिनचर्या में शामिल करने के लिए प्रेरित किया।
अधिकारियों ने बताया कि जेल में समय व्यतीत कर रहे बंदियों के मानसिक स्वास्थ्य के लिए योग एक सकारात्मक पहल है। इससे उनमें आत्मनियंत्रण, अनुशासन और सकारात्मक सोच विकसित होती है।
कार्यक्रम के अंत में सभी उपस्थितजनों ने एक साथ योग के महत्व को समझते हुए इसे निरंतर अभ्यास में लाने का संकल्प लिया।
“योग से ही होगा निरोग” – इस मूल मंत्र को आत्मसात कर बंदियों ने एक नई शुरुआत की।”