उरई/कालपी, 24 अगस्त लगातार हो रही बरसात से नदियों का जलस्तर बढ़ने लगा है। रविवार सुबह फ्लड कंट्रोल रूम से मिली रिपोर्ट में यमुना और बेतवा दोनों ही नदियों का स्तर चढ़ाव पर पाया गया। हालांकि दोनों खतरे के स्तर से नीचे हैं लेकिन बढ़ते रुझान को देखते हुए प्रशासन ने निगरानी बढ़ा दी है।
फ्लड कंट्रोल रूम के अनुसार कालपी में यमुना नदी का जलस्तर रविवार सुबह आठ बजे तक 101.400 मीटर दर्ज किया गया। यहां चेतावनी स्तर 107 मीटर और खतरे का स्तर 108 मीटर तय है। आंकड़ों के मुताबिक रात एक बजे से सुबह आठ बजे तक जलस्तर हर घंटे ऊपर गया। वर्ष 1996 में यमुना का अधिकतम जलस्तर 112.980 मीटर रिकॉर्ड किया गया था।
इसी तरह मोहाना में बेतवा नदी का जलस्तर भी बढ़ रहा है। रविवार सुबह आठ बजे तक यह 113.700 मीटर दर्ज हुआ। यहां चेतावनी स्तर 121.644 मीटर और खतरे का स्तर 122.644 मीटर निर्धारित है। बेतवा का सबसे ऊंचा जलस्तर वर्ष 1983 में 133.350 मीटर दर्ज हुआ था। रिपोर्ट के अनुसार दोनों ही नदियों का रुझान बढ़ता हुआ है। बाढ़ खंड के अधिकारियों ने बताया कि नदियों की स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है। संभावित बाढ़ प्रभावित गांवों में सतर्क रहने की सलाह दी गई है और ग्रामीणों से नदी किनारे जाने से परहेज करने की अपील की गई है।