– पराग डेयरी की 4.62 हेक्टेयर जमीन ₹101 करोड़ में निजी हाथों में गई
लखनऊ/नोएडा: उत्तर प्रदेश सरकार ने नोएडा (Noida) सेक्टर-81, बी-219 फेज-2 स्थित पराग डेयरी की बहुमूल्य 4.62 हेक्टेयर जमीन को बिना किसी टेंडर (Without tender) प्रक्रिया के सीधे निजी कंपनी M/s RAPHE mPhibr को आवंटित कर दिया है। यह आवंटन ₹101 करोड़ की दर पर किया गया है, जिसे राज्य कैबिनेट से सीधे मंजूरी दी गई। बताया जा रहा है कि यह ज़मीन पहले पराग डेयरी के स्वामित्व में थी, लेकिन पराग खुद इसे वर्षों से नहीं बेच पाया था। अब इस जमीन को राज्य सरकार द्वारा डिफेंस और सिक्योरिटी उपकरण बनाने वाली एक निजी कंपनी को स्थानांतरित कर दिया गया है , बाजार दरों की तुलना में बहुत कम मूल्य पर।
जानकारों के अनुसार, यह ज़मीन व्यावसायिक रूप से बेहद कीमती मानी जाती है। नोएडा जैसे प्रमुख शहरी क्षेत्र में इतनी बड़ी भूमि का बिना खुली निविदा (ओपन बिडिंग) के आवंटन होना नीतिगत पारदर्शिता पर सवाल उठाता है। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि यह ज़मीन खुली निविदा के माध्यम से बेची जाती तो इसकी कीमत ₹150 से ₹200 करोड़ या उससे भी अधिक हो सकती थी।
पराग डेयरी, जो वर्षों से इस जमीन की मालिक थी, स्वयं इसे बेचने में असफल रही। इसके बाद राज्य सरकार ने कैबिनेट बैठक के ज़रिए सीधे आवंटन का निर्णय लिया, जिससे यह ज़मीन अब एक निजी रक्षा कंपनी के पास चली गई है। सूत्रों के मुताबिक, सरकार का तर्क है कि RAPHE mPhibr जैसी रक्षा उपकरण निर्माता कंपनी को जमीन देकर “मेक इन इंडिया”, रोजगार सृजन और राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे उद्देश्यों को बल मिलेगा। हालांकि, बिना प्रतिस्पर्धी प्रक्रिया के की गई यह कार्रवाई नीतिगत पारदर्शिता के मानकों पर खरी नहीं उतरती।
यह मामला न केवल सार्वजनिक संसाधनों के उपयोग की पारदर्शिता पर प्रश्न खड़ा करता है, बल्कि इससे यह भी सवाल उठता है कि क्या भविष्य में अन्य कीमती सरकारी संपत्तियां भी इसी तरह “कैबिनेट मंजूरी” के नाम पर निजी कंपनियों को दी जाएंगी?