– प्रशासन ने शुरू की कार्रवाई
शरद कटियार
लखनऊ/फर्रुखाबाद | केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित ‘वक्फ (संशोधन) बिल, 2024’ और उत्तर प्रदेश सरकार की ‘वक्फ नियमावली-2023’ के तहत प्रदेशभर में वक्फ संपत्तियों से अवैध कब्जे हटाने की प्रक्रिया तेज हो गई है। फर्रुखाबाद समेत कई जिलों में प्रशासन ने कब्जेदारों की सूची बनानी शुरू कर दी है और जल्द ही बेदखली की कार्रवाई की जाएगी।
सरकार के नए नियमों के अनुसार, अगर कोई व्यक्ति वक्फ संपत्ति पर अवैध कब्जा करता है, तो उसे बेदखल किया जाएगा और बाजार मूल्य का 10 प्रतिशत वार्षिक जुर्माना भी वसूला जाएगा। इसके अलावा, मुतवल्लियों और भू-माफियाओं की मिलीभगत से किए गए कब्जों पर भी जांच होगी।
उत्तर प्रदेश के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री धर्मपाल सिंह ने कहा, “प्रदेश में किसी भी वक्फ संपत्ति पर अवैध कब्जा बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। नए कानून के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी और दोषियों पर भारी जुर्माना भी लगेगा।”
फर्रुखाबाद में वक्फ संपत्तियों पर बढ़ी प्रशासन की नजर
फर्रुखाबाद में कई वक्फ संपत्तियों पर वर्षों से अवैध कब्जे बने हुए हैं। जिला प्रशासन ने इन संपत्तियों की पहचान शुरू कर दी है और जल्द ही अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया तेज होगी। सूत्रों के अनुसार, शहर और ग्रामीण इलाकों में वक्फ बोर्ड की जमीनों पर 50 से अधिक स्थानों पर अतिक्रमण पाया गया है, जिनमें व्यावसायिक और आवासीय निर्माण शामिल हैं।
प्रदेश के अन्य जिलों में भी वक्फ संपत्तियों से कब्जे हटाने की कार्रवाई की जा रही है।
कानपुर प्रशासन ने 20 से अधिक वक्फ संपत्तियों पर अवैध कब्जे की रिपोर्ट तैयार की है और जल्द ही बेदखली की प्रक्रिया शुरू होगी।
आगरा में वक्फ बोर्ड की 15 संपत्तियों पर अवैध निर्माण चिह्नित किए गए हैं, जिन्हें हटाने का आदेश जारी हो चुका है।बरेली जिला वक्फ बोर्ड ने 30 से अधिक संपत्तियों पर कब्जे की शिकायत दर्ज कराई है, जिन पर जांच चल रही है।
लखनऊ,राजधानी में वक्फ संपत्तियों पर बड़े पैमाने पर अतिक्रमण की शिकायतें आई हैं। सरकार ने विशेष टास्क फोर्स बनाकर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
वक्फ (संशोधन) बिल, 2024 के तहत वक्फ संपत्तियों को लेकर कई बदलाव किए गए हैं,सरकारी संपत्तियां अब वक्फ संपत्ति के तौर पर दर्ज नहीं होंगी।
जिला कलेक्टर को यह तय करने का अधिकार होगा कि कोई संपत्ति वक्फ के तहत आती है या नहीं।
वक्फ बोर्ड की संरचना बदली जाएगी और इसमें गैर-मुस्लिम सदस्यों को भी शामिल किया जाएगा।
प्रदेश में 5,000 से अधिक वक्फ संपत्तियां अवैध कब्जे में हैं। अकेले लखनऊ, कानपुर, आगरा और मेरठ में 2,000 से ज्यादा संपत्तियों पर विवाद चल रहा है। सरकार का दावा है कि नए नियम लागू होने के बाद इन संपत्तियों को कब्जे से मुक्त कराने में आसानी होगी।
सरकार की इस सख्ती से अवैध कब्जेदारों में हड़कंप मच गया है। कई जिलों में लोग खुद ही कब्जे हटाने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि कुछ मामलों में कानूनी लड़ाई तेज हो गई है।
प्रशासन जल्द ही सभी जिलों में अतिक्रमण हटाने का विशेष अभियान चलाएगा। फर्रुखाबाद समेत पूरे प्रदेश में वक्फ संपत्तियों को उनके मूल स्वरूप में लाने की प्रक्रिया जारी है। अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस कानून को कितनी तेजी से लागू कर पाता है और कितनी संपत्तियों को अवैध कब्जे से मुक्त कराया जाता है।