– बच्चों से बड़ों तक फैल रही बीमारी, नेत्र रोग विशेषज्ञ ने दिए बचाव के सुझाव
फर्रुखाबाद। जैसे ही मौसम में बदलाव आया है, आई फ्लू (नेत्रशोथ) के मरीजों की संख्या में अचानक इजाफा देखने को मिला है। डॉ. राम मनोहर लोहिया संयुक्त चिकित्सालय में रोज़ाना आने वाले मरीजों में से करीब 20% मरीज आई फ्लू से पीड़ित हैं। सबसे चिंताजनक बात यह है कि यह बीमारी तेज़ी से बच्चों में फैल रही है।
इस संबंध में जानकारी देते हुए अस्पताल में तैनात नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. मेघा सक्सेना ने बताया कि यह एक संक्रामक नेत्र रोग है, जो बच्चों से बड़ों में भी फैल रहा है। यदि समय रहते सावधानी न बरती गई तो इसका संक्रमण बहुत तेज़ी से पूरे परिवार को चपेट में ले सकता है।
आई फ्लू से बचाव के लिए डॉ. मेघा सक्सेना की अहम सलाह:
जिस व्यक्ति को आई फ्लू है, उससे दूरी बनाए रखें।
आंखों को बार-बार न छुएं। अगर छूना पड़े तो तुरंत साबुन से हाथ धोएं।
बाहर से घर आने के बाद चेहरा अच्छी तरह धोएं।
मरीज द्वारा इस्तेमाल किया गया रुमाल, तौलिया या तकिया आदि कोई और व्यक्ति इस्तेमाल न करे।
यदि बच्चे को आंखों में लालिमा, जलन, पानी गिरना या सूजन की समस्या हो, तो उसे स्कूल न भेजें जब तक वह पूरी तरह ठीक न हो जाए।
लापरवाही न बरतें, तुरंत नजदीकी नेत्र रोग विशेषज्ञ से संपर्क करें।
डॉ. मेघा सक्सेना ने बताया कि लोहिया अस्पताल में आई फ्लू के इलाज के लिए पर्याप्त दवाएं, आई ड्रॉप और परीक्षण की सुविधाएं उपलब्ध हैं। बच्चों की विशेष रूप से जांच कर उन्हें सही आई ड्रॉप्स दी जा रही हैं, जिससे उन्हें जल्द राहत मिल रही है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह बीमारी सीजनल वायरस के कारण फैल रही है, जो संपर्क में आने पर बहुत तेजी से दूसरों को संक्रमित कर सकती है। ऐसे में सामूहिक सतर्कता और जागरूकता ही बचाव का सबसे कारगर उपाय है।