– प्रेस वार्ता में बोले ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज़ के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, बहराइच के विकास को लेकर जताई चिंता
बहराइच: “मुस्लिम समुदाय (Muslim community) की कुल आबादी में 85 प्रतिशत से अधिक हिस्सा पसमांदा समाज (Pasmanda community) का है, फिर भी यह वर्ग शिक्षा, रोजगार और शासन-प्रशासन में लगातार उपेक्षित रहा है। अब समय आ गया है कि पसमांदा समाज केवल अनुयायी नहीं, नेतृत्वकर्ता बने और अपनी भागीदारी सुनिश्चित करे।” यह बातें ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज़ के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मोहम्मद युनुस (Mohammad Yunus) ने शनिवार को बहराइच स्थित दैनिक भास्कर के ज़िला कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान कही।
मोहम्मद युनुस ने कहा कि दशकों से पसमांदा वर्ग को एक सुनियोजित तरीके से हाशिये पर रखा गया है, विशेषकर समाज के अशराफ तबके द्वारा। परिणामस्वरूप यह समाज शिक्षा, रोज़गार और सम्मानजनक जीवन की मुख्यधारा से वंचित रह गया है। उन्होंने कहा कि उनका संगठन देश के कोने-कोने में पसमांदा समाज के अधिकारों के लिए संघर्षरत है और लक्ष्य है कि समाज की साक्षरता दर 100% हो, जिससे यह वर्ग आत्मनिर्भर बन सके और राष्ट्र निर्माण में सशक्त भूमिका निभा सके।
युनुस ने ज़ोर देते हुए कहा कि पसमांदा समाज को अब केवल अनुसरण करने वाला नहीं, बल्कि नेतृत्व करने वाला बनना होगा। जब तक यह वर्ग खुद अपने भविष्य की बागडोर नहीं संभालेगा, तब तक उसके अधिकारों की रक्षा और सामाजिक सम्मान संभव नहीं है। प्रेस वार्ता के दौरान उन्होंने अपने गृह ज़िले बहराइच के विकास को लेकर भी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि उन्होंने हाल ही में जिले के विभिन्न इलाकों का भ्रमण किया और ज़मीनी हकीकत देखकर निराशा हुई। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार द्वारा जारी बजट और योजनाओं का समुचित क्रियान्वयन नहीं हो पा रहा है, जिससे आम जनता को अपेक्षित लाभ नहीं मिल पा रहा।
मोहम्मद युनुस ने सरकार से मांग की कि बहराइच में शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के क्षेत्र में विशेष ध्यान दिया जाए ताकि जिले की जनता को उसका हक मिल सके और क्षेत्र का संतुलित विकास सुनिश्चित किया जा सके। प्रेस वार्ता में संगठन के प्रमुख पदाधिकारी नफीस अंसारी, दोस मुहम्मद, इबादुल हक, बदरुद्दीन आदिल, शादाब, फुज़ैल और हलीम अंसारी भी मौजूद रहे। सभी पदाधिकारियों ने पसमांदा समाज के उत्थान के लिए निरंतर संघर्ष करने का संकल्प दोहराया और समाज को एकजुट होकर अधिकारों की लड़ाई लड़ने का आह्वान किया।