लखीमपुर खीरी: लखीमपुर खीरी जिले में हाल ही में आई भारी बाढ़ और खाद संकट (fertilizer crisis) को लेकर पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री (Former Union Minister of State for Home) अजय मिश्र टेनी ने अपने ही राज्य सरकार के मंत्रियों पर तीखा तंज कसा है। टेनी ने विशेष रूप से जल शक्ति मंत्री और कृषि मंत्री के बयानों को जनता के लिए भ्रमित करने वाला बताया और कहा कि वास्तविक स्थिति के विपरीत बयान देना किसानों और आम जनता के साथ धोखा है।
टेनी का बयान और आरोप:
अजय मिश्र टेनी ने कहा, “एक तरफ हमारे ही मंत्री कह रहे हैं कि जिले में खाद की कोई कमी नहीं है, जबकि दूसरी ओर बाढ़ से सैकड़ों गांव तबाह हो चुके हैं। फिर दूसरा मंत्री दावा कर रहा है कि जिले में बाढ़ जैसी कोई समस्या नहीं है। लगता है दौरे पर आए मंत्री जी को बाढ़ दिखाई ही नहीं दी।” टेनी ने स्पष्ट किया कि इस तरह के बयान ग्रामीण जनता और किसानों के बीच भ्रम पैदा करते हैं और उनकी मुश्किलों को नजरअंदाज करने के समान हैं। उनका यह भी कहना था कि सरकार को जमीनी हकीकत को समझकर निर्णय लेना चाहिए।
जिले की वास्तविक स्थिति:
लखीमपुर खीरी जिले के कई हिस्से बाढ़ की चपेट में हैं। किसानों की फसलें जलमग्न हो चुकी हैं, मकान और सड़कें भी प्रभावित हुई हैं। वहीं, खाद और अन्य कृषि इनपुट की कमी ने किसानों की समस्याओं को और गहरा दिया है। ग्रामीणों ने भी प्रशासन से तत्काल राहत कार्य और सहायता की मांग की है।
जनता और विपक्ष की प्रतिक्रिया:
टेनी के बयान ने स्थानीय जनता और विपक्षी नेताओं के बीच हलचल मचा दी है। उनका कहना है कि सरकार के मंत्रियों के दावे और जमीन पर वास्तविक स्थिति में भारी अंतर है। ऐसे बयान किसानों और प्रभावित लोगों के बीच भ्रम और असंतोष पैदा कर सकते हैं।
पूर्व केंद्रीय मंत्री अजय मिश्र टेनी का यह बयान यह दर्शाता है कि सरकार के अंदर भी बाढ़ और खाद संकट की गंभीरता को लेकर मतभेद हैं। टेनी ने प्रशासन से अपील की है कि तुरंत राहत कार्य, फसल और खाद की उपलब्धता सुनिश्चित करने के उपाय किए जाएँ, ताकि प्रभावित ग्रामीणों को त्वरित मदद मिल सके और जिले में स्थिति सामान्य हो।