फर्रुखाबाद। जिले में न जाने कितनी सरकारें आईं और गईं, मगर बढ़पुर तालाब की स्थिति आज भी वैसी ही बनी हुई है – बल्कि और बदतर। तालाब के आसपास बसे मकान ऐसे जलजमाव की चपेट में हैं जैसे कोई बाढ़ आई हो। विकास नगर, भूत पट्टी, मंदिर तालाब क्षेत्र और आसपास की गलियों की हालत ये है कि लोग घरों से निकल नहीं पा रहे, मगर प्रशासन और नेताओं को जैसे कोई सरोकार नहीं।
बढ़पुर विकासनगर निवासी संजय मिश्रा कहते हैं, “हर चुनाव में वादे होते हैं कि बढ़पुर का सौंदर्यीकरण होगा, मगर हकीकत ये है कि नाले और तालाब एक हो गए हैं। यहां तो सीएम का हेलीकॉप्टर उतरता है, फिर भी कोई हल नहीं!”
लोगों का आरोप है कि बढ़पुर तालाब में भूत पट्टी के तालाब और मंदिर तालाब के साथ-साथ आधा शहर का गंदा पानी नालों के जरिए आता है, मगर सफाई और शुद्धिकरण की कोई स्थायी योजना नहीं बनी। कई मोहल्लों में सीवर ओवरफ्लो की स्थिति बनी हुई है।
स्थानीय निवासी रेखा देवी कहती हैं, “पिछले पांच सालों से यही हालत है, हर बार सिर्फ फोटो खिंचाने आते हैं नेता। इस बार हम सबने तय कर लिया है – वोट उसी को देंगे जो पहले काम करेगा, बाद में भाषण।”
सबसे शर्मनाक बात यह है कि जिस क्षेत्र में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का हेलीकॉप्टर लैंड करता है, वही इलाका जलजमाव से जूझ रहा है। इससे बड़ा उदाहरण और क्या होगा सरकार की संवेदनहीनता का?
प्रशासनिक अमला भी पूरी तरह निष्क्रिय नजर आता है। नगर पालिका के अधिकारियों से लेकर पीडब्ल्यूडी तक, सब अपनी जिम्मेदारी एक-दूसरे पर डालने में व्यस्त हैं। वहीं जल निगम की परियोजनाएं वर्षों से अधूरी पड़ी हैं।
बढ़पुर के लोगों ने इस बार ठान लिया है कि अब नेताओं के झूठे वादों और खोकली राजनीति से छुटकारा पाना है। उनका साफ संदेश है – “हमें चाहिए साफ़-सुथरा नेता, जो जलभराव से निजात दिला सके, सिर्फ भाषण नहीं।”
बढ़पुर तालाब की यह कहानी सिर्फ एक मोहल्ले की नहीं, बल्कि पूरे फर्रुखाबाद की गूंगी पुकार है। अगर अब भी सरकार और प्रशासन नहीं चेता, तो जनता अपना फैसला सुनाने के लिए तैयार बैठी है – और इस बार ‘विकास’ सिर्फ नारों में नहीं, ज़मीन पर दिखना चाहिए।