– पर्यटन मंत्री की अध्यक्षता में स्थायी समिति की बैठक सम्पन्न
– विधायकों ने दिए विकास प्रस्ताव
लखनऊ: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) आज घरेलू पर्यटन (tourism) में देश में पहले स्थान पर है। अब लक्ष्य है कि प्रदेश को विदेशी पर्यटकों के लिए भी पहली पसंद बनाया जाए। इसके लिए सभी विधायकों से आग्रह किया गया कि वे अपने क्षेत्रों के प्राचीन, धार्मिक और प्राकृतिक स्थलों के विकास के लिए प्रस्ताव दें। उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह की अध्यक्षता में आज गोमती नगर स्थित पर्यटन भवन में वित्तीय वर्ष 2024-25 हेतु गठित पर्यटन स्थायी समिति की बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में प्रदेश को विदेशी पर्यटन के क्षेत्र में शीर्ष स्थान पर लाने हेतु कई महत्त्वपूर्ण सुझाव और प्रस्ताव प्रस्तुत किए गए।
बैठक में राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अरुण कुमार सक्सेना सहित विधायकगण भगवान सिंह कुशवाहा (आगरा), श्यामलाल राही (सिद्धार्थनगर), मनीष कुमार उर्फ मंटू (कुशीनगर), श्रीमती नीलिमा कटियार (कानपुर), हर्षवर्धन बाजपेयी (प्रयागराज), रमाशंकर सिंह (मिर्जापुर), उमर अली खान (सहारनपुर), कमलाकांत राजभर उर्फ पप्पू (आजमगढ़), अविनाश चन्द्र द्विवेदी (चित्रकूट) और वेद प्रकाश गुप्ता (अयोध्या) मौजूद रहे।
विधायकों ने कहा कि प्रदेश के हर कोने में पर्यटन विभाग की गतिविधियाँ दिख रही हैं। उन्होंने जल-आधारित पर्यटन, ईको-टूरिज्म, अभ्यारण्य, पक्षी विहार, बुंदेलखंड की वन संपदा, विरासत वृक्षों और वेलनेस टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए सुझाव दिए। साथ ही, सीएम फेलोशिप के तहत चयनित अभ्यर्थियों को स्थानीय धार्मिक स्थलों पर शोध, कहानी कहने की परंपरा (स्टोरी टेलिंग) और जनसहभागिता बढ़ाने की दिशा में कार्य करने का परामर्श दिया गया।
मंत्री जयवीर सिंह ने फेलोशिप प्रतियोगिता में चयनित प्रतिभागियों को टैबलेट और प्रमाण पत्र वितरित किए। इस दौरान पर्यटन नीति-2022 के तहत निवेश को आकर्षित करने, पर्यटन इकाइयों को रियायतें देने और विदेश से आने वाले वेलनेस पर्यटकों को प्रदेश के नेचुरोपैथी केंद्रों से जोड़ने पर भी चर्चा हुई। बैठक में विशेष सचिव पर्यटन ईशा प्रिया, पर्यटन सलाहकार जे.पी. सिंह, संयुक्त निदेशक वीरेश कुमार, प्रीति श्रीवास्तव और वित्त नियंत्रक सहित कई विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।