लखनऊ: लखनऊ में 69 हजार शिक्षक भर्ती घोटाले (teacher recruitment scam) को लेकर आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों (candidates) का प्रदर्शन लगातार दूसरे दिन भी जारी रहा। अभ्यर्थी उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के आवास तक पहुंच गए और जमकर नारेबाजी की। अभ्यर्थियों का कहना था कि वोट लेने के लिए हमें हिंदू कहा जाता है और नौकरी के समय दलित बना दिया जाता है। यह अन्याय अब बर्दाश्त नहीं होगा।
प्रदर्शन की जानकारी मिलते ही पुलिस पहले से ही मौके पर मौजूद थी। पुलिस ने अभ्यर्थियों को आवास से पहले ही रोक लिया। इस दौरान पुलिस और अभ्यर्थियों के बीच नोकझोंक भी हुई। अभ्यर्थियों का आरोप है कि 69 हजार शिक्षक भर्ती में आरक्षण को लेकर घोटाला किया गया है। उन्होंने कहा कि दलित और पिछड़े वर्ग के उम्मीदवारों के साथ सरकार अन्याय कर रही है और उन्हें कीड़े-मकोड़े समझा जा रहा है।
प्रदर्शन में शामिल अमित कुमार मौर्य ने कहा कि हम मौर्य समाज से आते हैं, इसलिए उम्मीद लेकर उपमुख्यमंत्री के दरवाजे पर पहुंचे हैं। लेकिन आज तक न्याय नहीं मिला। सुप्रीम कोर्ट में एक साल से मामला लंबित है। 22 से ज्यादा बार तारीख लग चुकी है मगर सरकार का कोई वकील वहां मौजूद नहीं होता। सरकार पहली पार्टी है, फिर भी वह सुनवाई में शामिल नहीं हो रही।
अमित मौर्य ने कहा कि हमें 20 से ज्यादा बार उपमुख्यमंत्री के आवास से घसीटा गया है। भाजपा को वोट देने के बावजूद हमें कूड़े में फेंक दिया गया, हमारी कोई सुनवाई नहीं हो रही। धान-गेहूं बेचकर हम सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचे हैं। अब सवाल यह है कि आखिर हमारी लड़ाई कौन लड़ेगा। मौर्य समाज से होने के बावजूद केशव प्रसाद मौर्य चुप्पी साधे हुए हैं। अभ्यर्थियों ने चेतावनी दी कि अगर न्याय नहीं मिला तो आंदोलन और तेज किया जाएगा।