रोहित श्रीवास्तव
भारत वर्तमान में एक ऐसे परिवर्तनशील (variable) दौर से गुजर रहा है, जहाँ तकनीक केवल एक साधन नहीं, बल्कि भविष्य का मार्गदर्शक बन चुकी है। विशेष रूप से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence) (AI) ने जिस प्रकार विभिन्न क्षेत्रों में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है, वह न केवल देश की कार्यशैली बदल रही है, बल्कि युवाओं के लिए रोजगार के नए द्वार भी खोल रही है।
नेशनल एसोसिएशन ऑफ सॉफ्टवेयर एंड सर्विस कंपनीज (NASSCOM) की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 2025 तक IT सेक्टर में लगभग 10 लाख नई नौकरियाँ उत्पन्न होने की संभावना है। इन नौकरियों में प्रमुख रूप से AI डेवलपमेंट, मशीन लर्निंग, डेटा एनालिटिक्स, साइबर सिक्योरिटी और क्लाउड कंप्यूटिंग जैसे क्षेत्र शामिल हैं।
केंद्र सरकार ने ‘डिजिटल इंडिया 2.0’ अभियान के तहत यह सुनिश्चित किया है कि देश के युवाओं को आने वाली तकनीकी चुनौतियों के लिए तैयार किया जाए। इसके अंतर्गत:50 नए AI ट्रेनिंग सेंटर स्थापित किए जाएंगे।30 इनक्यूबेशन लैब्स की शुरुआत होगी।देश के हर राज्य में AI हैकथॉन और तकनीकी प्रतियोगिताएँ आयोजित की जाएँगी। Infosys, TCS, Wipro जैसी देशी कंपनियाँ और Google, Microsoft, Amazon जैसी विदेशी कंपनियाँ भारत में भारी निवेश कर रही हैं। इनमें से कई कंपनियाँ भारत को AI हब बनाने की दिशा में कार्य कर रही हैं।
उदाहरण के लिए:
Google ने हैदराबाद में AI रिसर्च सेंटर की स्थापना की है। Microsoft ने बेंगलुरु में AI स्टार्टअप इनक्यूबेशन प्रोग्राम लॉन्च किया है। देश की वर्तमान शिक्षा प्रणाली को AI केंद्रित बनाना आवश्यक है। इसके लिए:विश्वविद्यालयों में AI और डेटा साइंस को मुख्य विषय बनाया जा रहा है। IIT, NIT और IIIT जैसे संस्थान AI और रोबोटिक्स में विशेष कोर्स चला रहे हैं।
NCERT भी जल्द ही स्कूल स्तर पर AI शिक्षा को पाठ्यक्रम में शामिल करेगा। AI आधारित तकनीकों के माध्यम से कंपनियाँ अपने उत्पादकता स्तर को 40-50% तक बढ़ा रही हैं। इससे न केवल व्यवसायों का लाभ बढ़ रहा है, बल्कि नए स्टार्टअप्स को जन्म भी मिल रहा है। युवा अब नौकरी की तलाश में नहीं, बल्कि स्वयं की कंपनी खड़ी करने के लिए प्रेरित हो रहे हैं।
युवाओं के लिए यह समय क्यों खास है?आज का युवा टेक-सेवी है, इंटरनेट सुलभ है, मुफ्त ऑनलाइन कोर्स उपलब्ध हैं और स्किल डेवलपमेंट के लिए संसाधनों की कमी नहीं है। ऐसे में, यदि युवा चाहें, तो वे: AI डेवलपर बन सकते हैं। डेटा वैज्ञानिक के रूप में कार्य कर सकते हैं। साइबर सिक्योरिटी एनालिस्ट बन सकते हैं।
क्लाउड इंजीनियर के रूप में ग्लोबल कंपनियों के साथ काम कर सकते हैं। सरकार की प्रमुख योजनाएँ जो युवाओं को देंगी ताकत: PMKVY (कौशल विकास योजना) तकनीकी कोर्सों में निशुल्क प्रशिक्षण NASSCOM FutureSkills AI, ML, IoT में इंडस्ट्री बेस्ड कोर्स SWAYAM सरकार द्वारा संचालित ई-लर्निंग पोर्टल उत्तर प्रदेश के छोटे शहरों में भी अब तकनीकी क्रांति की बयार बहने लगी है। यहाँ के युवाओं ने Coursera, Udemy, और YouTube जैसे माध्यमों से AI और Python जैसी भाषाओं को सीखा और ऑनलाइन फ्रीलांसिंग के माध्यम से रोजगार प्राप्त किया।
भारत के युवाओं को अब सिर्फ सरकारी नौकरी के पीछे भागने की आवश्यकता नहीं। तकनीकी ज्ञान और नई स्किल्स के साथ वे वैश्विक कंपनियों का हिस्सा बन सकते हैं, खुद का स्टार्टअप शुरू कर सकते हैं और भारत को तकनीकी महाशक्ति बनाने में भूमिका निभा सकते हैं।
1-कंप्यूटर स्क्रीन से डरें नहीं, उससे दोस्ती करें।
2-नौकरी मांगने वाले नहीं, देने वाले बनें।
3-तकनीक में भारत का नेतृत्व अब आपकी मुट्ठी में है।