- फतेहगढ़, आवास विकास, रेलवे स्टेशन सहित कई इलाकों में धड़ल्ले से चल रहा गोरखधंधा, बिसलेरी की जगह बेचे जा रहे नकली ब्रांड
फर्रुखाबाद। शहर में पानी माफियाओं का आतंक बढ़ता जा रहा है। आमजन की प्यास बुझाने के नाम पर अब जहर परोसा जा रहा है। ₹10 में बिक रही बोतलों में बिसलेरी के नाम पर घटिया और मिलावटी पानी धड़ल्ले से बेचा जा रहा है। स्थानीय नागरिकों ने इस पर गहरी चिंता जताई है और प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग की है।
शहर के फतेहगढ़, आवास विकास, कादरी गेट, रेलवे स्टेशन और अन्य प्रमुख इलाकों में पानी की असामान्य और संदिग्ध सप्लाई देखी जा रही है। कुछ लोकल कंपनियों के लेबल के साथ अनियमित रूप से भरी गई बोतलें खुलेआम दुकानों और ठेलों पर बेची जा रही हैं। इन पर ना तो पैकिंग की कोई वैध तारीख है और ना ही गुणवत्ता की कोई गारंटी।
स्थानीय निवासी निक्की लाल ने बताया, “₹10 में लोग पानी नहीं, बल्कि बीमारी खरीद रहे हैं। न कोई टेस्ट रिपोर्ट, न कोई लाइसेंस। आखिर कब होगी इन फर्जी कंपनियों पर कार्रवाई?” उन्होंने सवाल उठाया कि क्या इंसानों के जीवन से इस हद तक खिलवाड़ करना अब आम बात हो गई है?
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि दूषित पानी के सेवन से पेट संबंधी बीमारियां, टायफॉइड, हैजा और वायरल संक्रमण तेजी से फैलते हैं। यदि यह पानी अस्पताल, स्कूल या कार्यालयों में पहुंच रहा है, तो स्थिति और भी गंभीर है।
इस पूरे मामले पर नगर प्रशासन और खाद्य सुरक्षा विभाग की चुप्पी भी कई सवाल खड़े कर रही है। आखिर कैसे बिना जांच और मान्यता के ये कंपनियां पानी सप्लाई कर रही हैं? क्यों नहीं की जाती नियमित छापेमारी और सैंपलिंग?
स्थानीय नागरिकों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि—
पानी सप्लाई करने वाली सभी कंपनियों की जांच हो।
बगैर लाइसेंस वाले संयंत्रों को तत्काल बंद किया जाए।
दोषियों पर गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की जाए।
नियमित रूप से पानी के नमूनों की जांच और रिपोर्ट सार्वजनिक की जाए।