कंपिल: गंगा (Ganga) में छोड़े जा रहे पानी से जलस्तर में लगातार वृद्धि हो रही है। जिससे बाढ़ का विकराल रूप दिखाई दे रहा है। बाढ़ का पानी कंपिल रुदायन मार्ग (Kampil-Rudayan road) पर भी चढ़ने लगा है। जिससे खेतों में खड़ी लोगों के फसलें भी जलमग्न हो गई हैं। क्षेत्र मे बाढ़ का प्रकोप लगातर जारी है। बीते दिनों के साथ लोगों की परेशानिया भी खत्म हो रही है। ऊपर से हो रही बरसात भी बाढ़ पीड़ितों के लिए कहर बनकर बरस रही है। बुधवार रात हुई बरसात मे बाढ़ पीड़ितों को बेहद परेशानी उठानी पड़ी। सड़क किनारे तम्बू लगाकर जीवन यापन कर रहे ग्रामीणों नेपरिवार के साथ बैठकर रात गुजारी।
कंपिल बदायू व सिवारा मार्ग पर आवागमन पूर्ण रूप से बंद हो गया है। कंपिल रुदायन मार्ग पर भी पानी भरने लगा है। रात भर हुई बरसात से ग्रामीणों का जानवरो के लिए रखा भूसा खराब हो गया है। गांव हमीरपुर मजरा जात के ग्रामीणों ने बताया की 2010 मे आयी बाढ़ मे जानवरो को सुरक्षित निकाल लिया था। लेकिन इस बार जानवर भी बाढ़ मे फंस गए हैं। बाढ़ के तेज बहाव से झोपड़ी टूट गयी है। उसमे रखा भूसा भी पानी मे बह गया है।
उन्होंने घर की महिलाओं व बच्चों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया है जबकि वह घर की छतों पर रहकर गृहस्थी की रखवाली कर रहे हैं। गांव कमरुद्दीननगर के चारों तरफ बाढ़ का पानी भरा हुआ है। ग्रामीण शौच करने के लिए दूर दराज गांव में बैलगाड़ी व ट्रैक्टर से जा रहे हैं। सबसे ज्यादा परेशानी गर्भवती महिलाओं को हो रही है।
ग्रामीणों ने एक पोर्टेबल शौचालय की मांग की है। बाढ़ का पानी गुरुवार की बीती रात गांव बिल्हा , अर्जुन नगला सहित अन्य गांवों में घुस गया है। गांव निवासी अवधेश सुबह ही परिवार के साथ खेत में खड़ी घुइयां की फसल को पानी से बाहर निकलने लगे। नाव व स्टीमर चालक पीड़ितों से मनमाने रुपए वसूल रहे हैं। जिससे ग्रामीण खाने पीने की वस्तुएं लेने के लिए टूटे मार्गो से जान जोखिम में डालकर आवागमन कर रहे हैं।