– ईडी और आर्थिक अपराध शाखा सक्रिय, खातों व संपत्तियों की जांच शुरू
-जल्द हो सकती हैं बड़ी जब्ती और गिरफ्तारियां
लखनऊ। हजारों निवेशकों से अरबों की ठगी कर चुके Vyoonav Marketing Services Ltd. और Vyoonav Infratech Ltd. घोटाले में अब जांच एजेंसियों ने अपनी रफ्तार बढ़ा दी है। कंपनी के एमडी सुखविंदर सिंह खरोर पहले ही जेल में हैं, और अब एजेंसियों की निगाहें बाराबंकी के ‘गुप्ता’ और उनके अन्य स्थानीय पार्टनरों पर टिकी हैं।
Vyoonav ने उत्तर प्रदेश के 75 जिलों में 750 डेटा सेंटर खोलने का दावा करते हुए लोगों को भारी लाभ का लालच दिया था। इस झांसे में आकर हजारों लोगों ने करोड़ों रुपये निवेश किए। कंपनी के दो मुखौटा उपक्रम — Vyoonav Marketing और Vyoonav Infratech — ने डिजिटल प्लानिंग, “क्लाउड पार्टिकल टेक्नोलॉजी”, और माइनिंग जैसे जटिल तकनीकी शब्दों का सहारा लेकर एक भ्रामक स्कीम चलाई।
कंपनी के एमडी सुखविंदर सिंह खरोर को मार्च 2025 में दिल्ली IGI एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया गया था, जब वह अपनी पत्नी के साथ विदेश भागने की कोशिश कर रहा था। गिरफ्तारी के बाद उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया, जहां फिलहाल वे बंद हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ED) की पूछताछ में बड़े पैमाने पर मनी लॉन्ड्रिंग और निवेशकों की रकम को निजी संपत्तियों में लगाने के सुराग मिले हैं।
ताजा जांच में यह सामने आया है कि बाराबंकी का गुप्ता कंपनी का स्थानीय ‘फील्ड ऑपरेटर’ और वितरक था, जिसने जिले में सैकड़ों निवेशकों को इस स्कीम में जोड़ने का काम किया। गुप्ता के पास से भारी नकदी लेनदेन, फर्जी बैंक अकाउंट, और संदिग्ध संपत्तियों के सुराग मिले हैं।
सूत्रों के अनुसार, अब ED और EOW (आर्थिक अपराध शाखा) की टीमें गुप्ता और उससे जुड़े अन्य सहयोगियों के बैंक खाते, जमीन-जायदाद और डिजिटल ट्रांजेक्शन की जांच में जुटी हैं। जल्द ही संपत्ति जब्ती की कार्रवाई भी शुरू की जा सकती है।
स्थानीय निवेशकों में भारी नाराजगी है। कई पीड़ितों ने शिकायतें दर्ज कराते हुए कहा कि गुप्ता ने कंपनी के नाम पर “सुरक्षित निवेश योजना” बताकर लाखों रुपये जमा कराए। अब जब कंपनी का नाम घोटाले में आ गया है, तो गुप्ता समेत अन्य स्थानीय एजेंटों की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं।
गुप्ता समेत 5 से ज्यादा स्थानीय ऑपरेटरों की पहचान कर ली गई है।
उनके बैंक खातों को फ्रीज करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
FIR दर्ज कर गिरफ्तारी के लिए कार्रवाई की जा सकती है।
ED द्वारा जल्द ही प्रॉपर्टी अटैचमेंट और पूछताछ के लिए समन भेजे जाएंगे।
जांच अधिकारी बोले
“Vyoonav घोटाला एक योजनाबद्ध आर्थिक अपराध है। इसमें कई स्थानीय एजेंटों की भूमिका सामने आ रही है। बाराबंकी के गुप्ता समेत अन्य लोगों की गतिविधियों की बारीकी से जांच हो रही है। कुछ के पास से करोड़ों की संपत्ति के दस्तावेज मिले हैं।”
Vyoonav घोटाला सिर्फ एक फर्जी कंपनी की धोखाधड़ी नहीं, बल्कि संगठित नेटवर्क के ज़रिए आम जनता की गाढ़ी कमाई लूटने की बड़ी साजिश है। अब जबकि मुख्य आरोपी एमडी जेल में है, स्थानीय एजेंटों पर कार्रवाई तेज हो गई है। आने वाले दिनों में ED, EOW और पुलिस की तिकड़ी बड़े खुलासे कर सकती है।