31.1 C
Lucknow
Sunday, July 20, 2025

महिलाओं पर आपत्तिजनक टिप्पणी कर फिर विवादों में फंसे वृंदावन के कथावाचक अनिरुद्ध आचार्य

Must read

– “25 साल की उम्र तक लड़की चार जगह मुंह मार चुकी होती है”—कथावाचक की अभद्र टिप्पणी पर दैनिक यूथ इंडिया के प्रधान संपादक शरद कटियार ने दर्ज कराई तहरीर

लखनऊ: धार्मिक प्रवचन के मंच से महिलाओं के खिलाफ आपत्तिजनक बयानबाज़ी करने के लिए कुख्यात कथावाचक अनिरुद्ध आचार्य (story teller Aniruddha Acharya) एक बार फिर से अपने शब्दों के ज़हर के कारण घिरते नजर आ रहे हैं। हाल ही में एक वायरल वीडियो में उन्होंने कहा—

 

“25 साल की लड़की चार जगह मुंह मार चुकी होती है।”

इस तरह की घृणास्पद और अपमानजनक टिप्पणी ने समाज के हर वर्ग को झकझोर कर रख दिया है, खासकर महिला वर्ग को। कई लोगों ने इसे नारी गरिमा पर खुला हमला बताया है।

इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए दैनिक यूथ इंडिया न्यूज़ ग्रुप के प्रधान संपादक शरद कटियार ने गहरा आक्रोश जताते हुए कहा—

 

“मैं इस बयान से अत्यंत भावुक और आहत हूं। यह बयान न सिर्फ महिलाओं का अपमान है, बल्कि हमारी सामाजिक और सांस्कृतिक मर्यादाओं की भी अवमानना है। धर्म के नाम पर इस तरह की अभद्र भाषा बर्दाश्त नहीं की जा सकती।”

शरद कटियार ने इस पूरे मामले को लेकर संबंधित थाना प्रभारी को तहरीर सौंप दी है और कथावाचक के खिलाफ IPC की धारा 354A, 509 और आईटी एक्ट के तहत कानूनी कार्रवाई की मांग की है। यह पहला मौका नहीं है जब अनिरुद्ध आचार्य विवादों में आए हों। इससे पहले भी कई बार वे महिलाओं को लेकर घृणित और दोयम दर्जे की बातें सार्वजनिक मंच से कर चुके हैं। इनकी कथाओं में अक्सर स्त्री-विरोधी मानसिकता देखने को मिलती है, जो एक धार्मिक वक्ता के स्तर को गिराती है।

शरद कटियार के तहरीर देने के बाद कई महिला संगठनों और पत्रकार संघों ने भी इस बयान की निंदा करते हुए प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग की है। किसी भी सार्वजनिक मंच से इस प्रकार की टिप्पणी भारतीय दंड संहिता की कई धाराओं के अंतर्गत संज्ञेय अपराध है। विशेषकर धारा 509 (स्त्री की मर्यादा को ठेस पहुँचाने वाले शब्द/हावभाव) और आईटी एक्ट 2000 की धारा 66A जैसी धाराएं इस पर लागू हो सकती हैं।

अगर धर्म के मंच से महिलाओं की गरिमा को कुचला जाएगा, तो यह न सिर्फ समाज के पतन की ओर इशारा करता है, बल्कि उन लोगों के खिलाफ भी कार्रवाई अनिवार्य हो जाती है जो धर्म के नाम पर मानसिक प्रदूषण फैला रहे हैं। अब देखना होगा कि प्रशासन इस मामले में कितना संवेदनशील रवैया अपनाता है।

Must read

More articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Latest article