संपत्ति के विवाद में जिलाधिकारी का स्थगनादेश

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फर्रुखाबाद। बहू द्वारा सास को उनके मकान से बेदखल करवाने संबंधी आदेश की अपील पर सुनवाई करते हुए जिलाधिकारी ने आदेश को विधि विरुद्ध बताते हुए उसे पर रोक लगा दी तथा मकान पर सास को काबिज रहने का आदेश पारित किया है।
कोतवाली सदर के मोहल्ला चिलपुरा में सुनीता बाजपेई का मकान है उनके पुत्र रमाकांत वाजपेई से रूबी बाजपेई का विवाह हुआ शुरू से ही आपसे विवाह शुरू हो गया और चालाकी के चलते बहू रूबी ने सास के मकान पर कब्जा करने की नीयत से उन्हें बेदखल कर के
हेरा फेरी करके मालिकाना विरासत करा ली और सास को घर से निकाल दिया। जबकि रूबी अपने परिवार के साथ पांचाल घाट पर पुराने मकान में रह रही है। अदालत से भी इस प्रकार का अपने आदेश कर लिया जिसके विरुद्ध सुनीता वाजपेई ने अपील की जिसको स्वीकार करते हुए न्यायालय न्यायाधीश दिया मामला जिलाधिकारी के न्यायालय तक पहुंचा जहां सुनवाई के बाद जिला अधिकारी ने बहू की अपील को निरस्त करते हुए सास सुनीता बाजपेई के पक्ष में निर्णय देते हुए उनके मकान पर उन्हें को काव्य रखने का आदेश दिया है। आदेश में यह भी स्पष्ट किया गया स्पष्ट किया गया कि विवादित संपत्ति सुनीता वाजपेई ने किसी थर्ड पार्टी से खरीदी थी वह पैतृक संपत्ति नहीं है। इसलिए विवादित मकान की मालिक सुनीता बाजपेई ही हैं। डी एम ने सुनीता को कब्जा डाला जाने का भी आदेश पारित किया है। बताते चलें कि सुनीता बाजपेई बार रमाकांत वाजपेई के मध्य गुजारा भत्ते का मामला भी लंबित रहा है।

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