लखनऊ। जनपद में विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान आगामी 5 अक्टूबर से शुरू होकर 31 अक्टूबर 2025 तक चलेगा। इसके साथ ही 11 अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक दस्तक अभियान भी संचालित किया जाएगा। इस संबंध में आज कलेक्ट्रेट सभागार में जिलाधिकारी श्री विशाख जी0 की अध्यक्षता में जिला टास्क फोर्स की बैठक आयोजित हुई।
बैठक में जिलाधिकारी ने संचारी रोगों के हॉटस्पॉट क्षेत्रों की जानकारी ली। जिला मलेरिया अधिकारी ने बताया कि स्मार्ट सिटी के सहयोग से जोनवार हॉटस्पॉट मैपिंग की गई है, जिसमें नगर निगम के जोन 4, 5 और 6 संवेदनशील हैं। इसके बाद जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्साधिकारी को निर्देशित किया कि इन क्षेत्रों की मेडिकल फैसिलिटी में विशेष बेड आरक्षित किए जाएँ।
मुख्य चिकित्साधिकारी ने बताया कि नगर निगम के सभी जोनों की चिकित्सा इकाइयों में 10-10 बेड आरक्षित किए गए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि सभी सीएचसी में पर्याप्त टेस्टिंग किट उपलब्ध हों और प्रतिदिन सरकारी व निजी अस्पतालों में कुल कितने टेस्ट किए जा सकते हैं, इसका आकलन किया जाए।
बैठक में फॉगिंग और एंटी-लार्वा छिड़काव की समीक्षा भी की गई। नगर निगम ने बताया कि 110 हैंड मशीनों और 60 बड़ी मशीनों से जोनवार छिड़काव का कार्य किया जा रहा है। जिलाधिकारी ने संबंधित अधिकारियों को अभियान को प्रभावी बनाने के लिए रोस्टर तैयार करने के निर्देश दिए।
विशेष अभियान के दौरान जागरूकता गतिविधियाँ आयोजित की जाएंगी। दस्तक अभियान में आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता घर-घर जाकर बुखार, इन्फ्लुएंजा लाइक इलनेस (ILI), क्षय रोग, कुष्ठ, फाइलेरिया, काला-आजार के लक्षणयुक्त व्यक्तियों और कुपोषित बच्चों की सूची तैयार करेंगी। खोजे गए व्यक्तियों का डाटा ई-कवच पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा और परिवारों को आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट (आभा आईडी) की जानकारी दी जाएगी।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी श्री अजय जैन, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. एन.बी. सिंह, नोडल अधिकारी डॉ. गोपीलाल, जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. रितु श्रीवास्तव, सभी शहरी एवं ग्रामीण सीएचसी प्रतिनिधि तथा सहयोगी संस्थाओं के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
इस अभियान में स्वास्थ्य विभाग के साथ-साथ नगर विकास, पंचायती राज, बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार, ग्राम्य विकास, चिकित्सा शिक्षा, कृषि, शिक्षा, सिंचाई, बेसिक शिक्षा, पशुपालन, दिव्यांगजन सशक्तिकरण, सूचना एवं जनसंपर्क, राज्य कर विभाग, नमामी गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन तथा उद्यान विभाग सक्रिय रूप से सम्मिलित रहेंगे।