बाराबंकी। रामस्वरूप विश्वविद्यालय में हाल ही में हुए लाठीचार्ज और उसके बाद भड़के छात्र आंदोलन का असर अब सीधे प्रशासनिक स्तर पर दिखाई देने लगा है। लगातार विरोध-प्रदर्शन और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के दबाव के चलते प्रशासन ने आखिरकार राजस्व विभाग को सक्रिय कर दिया है।
शनिवार को राजस्व विभाग की टीम ने विश्वविद्यालय परिसर में पहुँचकर अवैध निर्माण की नाप-जोख (मापन प्रक्रिया) शुरू कर दी।
कुछ दिनों पहले विश्वविद्यालय परिसर में छात्रों और प्रबंधन के बीच विवाद इतना बढ़ गया था कि हालात लाठीचार्ज तक पहुँच गए। इस घटना ने प्रदेश भर के छात्र संगठनों को आंदोलित कर दिया। एबीवीपी ने इस लाठीचार्ज को “छात्रों की आवाज दबाने की कोशिश” करार दिया और बड़े स्तर पर आंदोलन छेड़ दिया।
ABVP की मांग थी कि न केवल लाठीचार्ज के दोषियों पर कार्रवाई हो, बल्कि विश्वविद्यालय के अवैध निर्माण और मनमानी को लेकर भी प्रशासन ठोस कदम उठाए।
छात्रों के दबाव और आंदोलन की तीव्रता को देखते हुए जिला प्रशासन ने राजस्व विभाग को निर्देश दिए। विभाग की टीम ने मौके पर पहुँचकर विश्वविद्यालय की इमारत और अन्य हिस्सों की विस्तृत नाप शुरू कर दी। सूत्रों का कहना है कि शुरुआती जांच में कई निर्माण कार्य बिना मानक अनुमति और नक्शा पास कराए ही किए गए हैं।
छात्र संगठन का आरोप है कि लंबे समय से विश्वविद्यालय प्रबंधन ने स्थानीय अधिकारियों की मिलीभगत से अवैध निर्माण खड़े किए और नियमों की अनदेखी की। अब राजस्व विभाग की कार्रवाई से यह साफ होने लगा है कि छात्रों की बातें बेबुनियाद नहीं थीं।
नाप-जोख के बाद अवैध निर्माण की पूरी रिपोर्ट तैयार की जाएगी।
यदि निर्माण अवैध पाया गया तो ध्वस्तीकरण (डिमोलिशन) की कार्रवाई भी हो सकती है।
आंदोलन कर रहे छात्रों पर दर्ज मुकदमों की भी समीक्षा होगी।
ABVP नेताओं ने कहा कि यह कार्रवाई सही दिशा में पहला कदम है, लेकिन यदि प्रशासन आधे-अधूरे कदम उठाता है तो आंदोलन और तेज किया जाएगा।