दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा की मुश्किलें बढ़ती हुई नजर आ रही हैं। उनके घर में बड़ी मात्रा में कैश मिलने के मामले में सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस ने जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति गठित की है। इस बीच जस्टिस वर्मा के सरकारी आवास के अंदर का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें एक कमरे में अधजले 500 के नोटों का ढेर नजर आ रहा है। यह वीडियो सुप्रीम कोर्ट ने जारी किया है।
सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है, ‘सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस ने दिल्ली हाईकोर्ट के वर्तमान जज जस्टिस यशवंत वर्मा के विरुद्ध आरोपों की जांच करने के लिए तीन सदस्यीय समिति गठित की है, जिसमें पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस शील नागू, हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस जी.एस. संधावालिया और कर्नाटक हाईकोर्ट की न्यायाधीश जस्टिस अनु शिवरामन शामिल हैं। दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को फिलहाल जस्टिस यशवंत वर्मा को कोई न्यायिक कार्य न सौंपने के लिए कहा गया है. दिल्ली हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने अपनी रिपोर्ट दी है।’
#BREAKING Video shared by Delhi Police Commissioner regarding the fire at Justice Yashwant Varma’s house, when cash currencies were discovered. pic.twitter.com/FEU50vHwME
— Live Law (@LiveLawIndia) March 22, 2025
रिपोर्ट्स के अनुसार, जस्टिस वर्मा के सरकारी बंगले में आग लग गई थी। वह शहर से बाहर थे। जज के PS ने PCR को बुलाया। इसके बाद आग पर तो काबू पा लिया गया लेकिन इस दौरान पुलिस और दमकल कर्मियों को बंगले के अंदर बड़ी मात्रा में नोटों का ढेर दिखा। यह ढेर आधा जलकर खाक हो गया था। यह बात बड़े अधिकारियों तक पहुंची और फिर सुप्रीम कोर्ट तक मामला पहुंच गया।
पुलिस आयुक्त ने दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को बताया, ‘पीसीआर कॉल जस्टिस वर्मा के निजी सचिव ने की थी। जस्टिस यशवंत वर्मा के निजी सचिव को आवास पर तैनात एक नौकर ने आग लगने की सूचना दी। यह भी बताया गया है कि अग्निशमन सेवा को अलग से सूचना नहीं दी गई। हालांकि एक बार पीसीआर से संपर्क करने पर आग से संबंधित सूचना स्वतः ही दिल्ली अग्निशमन सेवा को भेज दी गई।’
उन्होंने आगे कहा, ‘स्टोर रूम गार्ड रूम के बगल में है, जहां केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (बटालियन 70एफ) तैनात है और स्टोर रूम को बंद रखा जाता था। आवास पर तैनात सुरक्षा गार्ड के अनुसार, 15.3.2025 की सुबह कुछ मलबा और अधजले सामान को हटा दिया गया था। तदनुसार, मेरी प्रथम दृष्टया राय है कि पूरे मामले की गहन जांच की आवश्यकता है।’