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Sunday, November 9, 2025

किसानों की जीत, प्रशासन की हार: पवन ठाकुर के दबाव में आया समाधान

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किसान धरना फॉलोअप खबर

– 19 महीने से चल रहा धरना प्रशासन के आश्वासन के बाद स्थगित।
– हाईकोर्ट के स्टे के बावजूद तोड़ी गई थीं किसानों की दुकानें।
– पवन ठाकुर की सख्ती के बाद प्रशासन ने दिखाई गंभीरता।
– महापंचायत में देशभर से 10,000 से ज्यादा किसानों के आने की थी तैयारी।

अनुराग तिवारी, ज्वाइंट एडिटर

नोएडा: भारतीय किसान यूनियन (farmers) के राष्ट्रीय अध्यक्ष पवन ठाकुर के कड़े तेवर और स्पष्ट चेतावनी के बाद आखिरकार प्रशासन को झुकना पड़ा। नोएडा के सेक्टर-142, शहदरा में पिछले 19 महीनों से चल रहा किसान यूनियन (बलराज) का धरना मंगलवार को समाप्त हो गया। इसके साथ ही बुधवार को प्रस्तावित महापंचायत भी स्थगित कर दी गई।

धरना समाप्त करने का निर्णय पुलिस, प्रशासन और प्राधिकरण के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ हुई दो घंटे की वार्ता के बाद लिया गया। बातचीत में किसानों को आश्वासन मिला कि उनकी मांगों पर कार्रवाई की जाएगी।

हाईकोर्ट स्टे के बावजूद तोड़ी गई थीं दुकानें। यूनियन के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष हातम सिंह भाटी और वरिष्ठ किसान नेता नवीन भाटी ने बताया कि 15 फरवरी 2024 को नोएडा प्राधिकरण ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के यथावत आदेश के बावजूद किसानों की पैतृक जमीन पर बनी दुकानों को गिरा दिया था। इसी दिन से धरना शुरू हुआ था।

महापंचायत टली, पवन ठाकुर के तेवरों से बदली रणनीति

मंगलवार को जब प्राधिकरण की ओर से एसीईओ संजय खत्री, ओएसडी क्रांति शेखर, ओएसडी अरविंद कुमार और एसडीएम सीमा सिंह धरनास्थल पहुंचे, तो किसानों के साथ गंभीर वार्ता की गई। इसी बीच भाकियू (किसान) के राष्ट्रीय अध्यक्ष पवन ठाकुर की सख्त चेतावनी और समर्थन के बाद प्रशासन की गंभीरता बढ़ गई, और समझौते की राह बनी।

पवन ठाकुर ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि:

 

“अब किसानों के साथ अन्याय नहीं सहा जाएगा। जरूरत पड़ी तो पूरे देश के किसान नोएडा में जुटेंगे।”

 

प्रशासन की मध्यस्थता और संतोषजनक आश्वासन के बाद धरना अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया।

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