वाराणसी प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में शनिवार को हुई 84 मिमी बारिश ने शहर की स्मार्ट सिटी और विकास योजनाओं की सच्चाई उजागर कर दी।
लगभग हर इलाके में सड़कें नालों में तब्दील हो गईं।
गोदौलिया, लंका, भेलूपुर, सिगरा और दशाश्वमेध जैसी प्रमुख सड़कों पर घंटों पानी भरा रहा।
स्थानीय नागरिकों ने कहा कि “विकास की हड़बड़ी में शहर का प्राकृतिक ड्रेनेज सिस्टम पूरी तरह से ब्लॉक हो चुका है।”
बारिश के कारण सैकड़ों वाहनों के इंजन बंद हो गए, स्कूलों की बसें फंस गईं और बाजारों में दुकानदारों को भारी नुकसान हुआ।
नगर निगम ने दावा किया कि बारिश की तीव्रता बहुत अधिक थी, जिससे निकासी में समय लगा, लेकिन विशेषज्ञों ने कहा कि यह प्रोजेक्ट प्लानिंग की असफलता है।
सिविल इंजीनियरिंग विशेषज्ञों का कहना है कि अगर तुरंत ड्रेनेज रिवाइवल प्लान नहीं बनाया गया, तो आने वाले वर्षों में बनारस को भारी नुकसान झेलना पड़ेगा।
लोगों ने नगर निगम से आग्रह किया कि “डेवलपमेंट के नाम पर शहर की जान न छीनी जाए।”