वाराणसी। काशी नगरी में एक अनोखा और आध्यात्मिक विवाह देखने को मिला, जब इटली से आए दंपती अंतोलिया और ग्लोरिस ने हिंदू परंपराओं के अनुसार विवाह किया। शिवाला स्थित नव दुर्गा मंदिर में वैदिक मंत्रोच्चार के बीच दोनों ने सात फेरे लेकर जन्म-जन्मांतर के संबंध की डोर बांधी।
जानकारी के अनुसार, यह जोड़ा तीन दिन पहले ही इटली से वाराणसी पहुंचा था। इससे पहले इन्होंने इटली में एक चर्च में क्रिश्चियन परंपरा से विवाह किया था, लेकिन भारतीय संस्कृति और सनातन परंपरा में गहरी आस्था के कारण दोनों ने भारत आकर पूरे विधि-विधान से हिंदू रीति से विवाह करने का निर्णय लिया।
विवाह समारोह में लड़की की ओर से किसी परिजन के उपस्थित न होने के कारण, उसके मुंहबोले भाई ने कन्यादान की रस्म निभाई। विवाह के लिए मंदिर के पुरोहित विकास पांडे ने शुभ मुहूर्त निकालकर मंत्रोच्चार के बीच विवाह संपन्न कराया। चूंकि दोनों का कोई गोत्र निर्धारित नहीं था, इसलिए पुरोहितों ने उन्हें कश्यप गोत्र मानकर विवाह संस्कार पूरे किए।
करीब दो घंटे तक चले इस वैदिक विवाह में सभी रस्में पारंपरिक ढंग से पूरी की गईं। विवाह के बाद अंतोलिया और ग्लोरिस ने एक-दूसरे को गले लगाकर अपनी खुशी जाहिर की। दुल्हन ग्लोरिस ने भावुक होकर कहा— “हिंदू रीति-रिवाज से शादी करके हमें आत्मिक शांति और सुकून मिला है। यह अनुभव हमारे जीवन का सबसे पवित्र क्षण है।






