यूथ इंडिया समाचार
कटरा। जम्मू-कश्मीर में लगातार खराब मौसम और भूस्खलन के चलते वैष्णो देवी यात्रा मंगलवार को सातवें दिन भी बंद रही। यात्रा के रुक जाने से हजारों श्रद्धालु कटरा में फंसे हुए हैं, लेकिन इस मुश्किल घड़ी में होटल मालिक उनके लिए मसीहा बन गए हैं। कटरा होटल्स एंड रेस्टोरेंट्स एसोसिएशन के सदस्य अपने स्तर पर श्रद्धालुओं का पूरा खर्च उठा रहे हैं। करीब 200 होटल कमरों को श्रद्धालुओं के लिए खोला गया है और नाश्ता-डिनर तक मुफ्त दिया जा रहा है।
उत्तर प्रदेश के अमरोहा निवासी अमिश चौधरी ने बताया कि वे 26 अगस्त को तीन दोस्तों के साथ माता के दर्शन के लिए कटरा पहुंचे थे, लेकिन उसी दिन भूस्खलन के कारण यात्रा रोक दी गई। तब से वे होटल में ही ठहरे हुए हैं। चौधरी की आंखें भर आईं जब उन्होंने कहा— होटल मालिक सात दिन से कोई किराया नहीं ले रहे। सुबह के नाश्ते से लेकर रात के खाने तक का पूरा इंतज़ाम उन्होंने कर रखा है। उनकी जिद है कि बिना माता के दर्शन कराए हमें वापस नहीं भेजेंगे।
होटल्स एंड रेस्टोरेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश वजीर ने बताया कि कटरा में करीब 300 होटल-गेस्ट हाउस और 6 हजार कमरे हैं। इनमें से 200 कमरे श्रद्धालुओं के लिए खोले गए हैं। लगभग 200 श्रद्धालु धर्मशालाओं में भी ठहरे हैं। वजीर ने कहा— *एक हफ्ते से हम भी नुकसान में हैं, लेकिन यह दुख की घड़ी है और इसमें हम सब एकजुट हैं। श्रद्धालुओं की सेवा ही हमारी प्राथमिकता है।
इधर, श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने यात्रा स्थगित रहने के दौरान हेलिकॉप्टर सेवा, आवास और अन्य सुविधाओं की सभी बुकिंग रद्द कर दी है। बोर्ड ने श्रद्धालुओं को 100 फीसद रिफंड देने की घोषणा की है। साथ ही यात्रा मार्ग के संवेदनशील हिस्सों— एशिया चौक से लेकर बलिनी पुल और दर्शनी ड्योड़ी तक— स्थित होटलों और दुकानों को खाली कराने का आदेश दिया गया है। श्राइन बोर्ड के एक अधिकारी के मुताबिक, इन क्षेत्रों में 80 से ज्यादा छोटे होटल और दुकानें आती हैं। लगातार बारिश, अचानक आई बाढ़ और भूस्खलन की वजह से ये इलाके बेहद जोखिमपूर्ण हो गए हैं। 26 अगस्त को अर्द्धकुंवारी मंदिर के पास हुए भूस्खलन में 34 श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी, जिसके बाद यात्रा पूरी तरह रोक दी गई।
यात्रा बंद होने से पूरे कटरा में सन्नाटा पसरा है। जहां आम दिनों में रोजाना करीब 30 हजार श्रद्धालु आते थे, वहां अब सडक़ों पर वीरानी है। श्री वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने बताया कि 18 किलोमीटर लंबे यात्रा मार्ग पर मरम्मत का काम जारी है और इसके पूरा होने के बाद ही यात्रा फिर से शुरू होगी।
श्राइन बोर्ड ने यह भी स्पष्ट किया है कि जिन श्रद्धालुओं ने हेलिकॉप्टर सेवा, भवन या भैरों घाटी के बीच रोपवे, या होटल की बुकिंग की थी, उन्हें पूरा पैसा लौटाया जाएगा।

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