– फतेहगंज पश्चिमी समेत कई इलाकों में छापेमारी, पुलिस की भारी फोर्स देख युवती की तबीयत बिगड़ी
बरेली। ऊधमसिंह नगर पुलिस (Uttarakhand police) ने रविवार रात नशा तस्करों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए बरेली के फतेहगंज पश्चिमी थाना क्षेत्र के अगरास समेत कई स्थानों पर दबिश दी। एसएसपी ऊधमसिंह नगर मणिकांत मिश्रा के नेतृत्व में करीब 300 पुलिसकर्मियों की टीम ने एक साथ कई जगहों पर छापेमारी की। अचानक हुई कार्रवाई से क्षेत्र में हड़कंप मच गया।
पुलिस फोर्स की बड़ी संख्या देखकर एक युवक की बेटी की तबीयत बिगड़ गई, जिसे परिजनों ने अस्पताल में भर्ती कराया। हालांकि, तलाशी के दौरान पुलिस को संदिग्धों के पास से कुछ नहीं मिला। बावजूद इसके, बरेली पुलिस ने बिना किसी सूचना के की गई इस दबिश में पूरा सहयोग किया।
कार्रवाई के बाद जारी किए गए आधिकारिक बयान में ऊधमसिंह नगर के एसएसपी मणिकांत मिश्रा ने दावा किया कि बरेली में दो स्थानों पर की गई दबिश में 25 संदिग्धों को हिरासत में लिया गया, जिनमें से एक को जेल भेजा गया।
हालांकि, पुलभट्टा थाना प्रभारी ने इस आंकड़े पर सवाल खड़े कर दिए। उन्होंने दावा किया कि पुलिस ने केवल 16 लोगों को हिरासत में लिया था। इस विरोधाभास से पुलिस प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
एसएसपी बरेली ने बताया कि बीते पांच वर्षों में एनडीपीएस एक्ट के तहत 1357 मुकदमे दर्ज किए गए, जिसमें 1500 से अधिक तस्करों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया। इनमें से सबसे ज्यादा कार्रवाई थाना फतेहगंज पश्चिमी क्षेत्र में हुई, जहां 176 मुकदमों में करीब 200 तस्कर सलाखों के पीछे भेजे गए।
इस दौरान 116 करोड़ रुपये से अधिक की अवैध संपत्ति को पुलिस ने गैंगस्टर एक्ट के तहत जब्त किया। इसके अलावा, चार कुख्यात तस्करों को पिट एनडीपीएस एक्ट के तहत निरुद्ध किया जा चुका है।
इस साल भी नशा तस्करों के खिलाफ बरेली पुलिस की कार्रवाई जारी है। 1 जनवरी 2024 से अब तक 69 दिनों में 51 मुकदमे दर्ज कर 103 अपराधियों को जेल भेजा गया।
सिर्फ नशा तस्करी ही नहीं, बल्कि अन्य अपराधों के खिलाफ भी पुलिस की सख्ती बढ़ी है। पिछले आठ महीनों में पुलिस मुठभेड़ों में 72 अपराधी घायल हुए और उन्हें जेल भेजा गया।
यूथ इंडिया की रिपोर्ट: अवैध कारोबारियों पर और सख्ती की जरूरत
बरेली और ऊधमसिंह नगर पुलिस की संयुक्त कार्रवाई से यह स्पष्ट है कि दोनों जिलों में नशा तस्करों का नेटवर्क बेहद मजबूत है। हालांकि, बिना स्थानीय पुलिस को पूर्व सूचना दिए हुई कार्रवाई सवाल खड़े करती है।
इस छापेमारी के बाद अब यह देखना अहम होगा कि क्या यह एक प्रतीकात्मक कार्रवाई थी या सच में नशे के अवैध कारोबार पर प्रभावी लगाम लगेगी? फिलहाल, प्रशासन को नशा तस्करों पर दबाव बनाए रखने और स्थानीय पुलिस को सख्त निर्देश देने की जरूरत है, ताकि यह अवैध कारोबार पूरी तरह समाप्त हो सके।