उत्तर प्रदेश को भारत की अर्थव्यवस्था में अग्रणी राज्य बनाने की दिशा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक सख्त और व्यवस्थित दृष्टिकोण अपनाया है। प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी का हिस्सा बनाने के लिए सरकार बहुआयामी रणनीति पर काम कर रही है। इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि वे न केवल अपनी जिम्मेदारियों को पूरी गंभीरता से निभाएं, बल्कि प्रदेश के आर्थिक विकास को नए आयाम तक पहुंचाने के लिए ठोस कदम भी उठाएं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सरकार ने बुनियादी ढांचे, स्वास्थ्य, स्टार्टअप, जनसुविधाओं और औद्योगिक विकास पर विशेष ध्यान केंद्रित किया है। हाल ही में संपन्न समीक्षा बैठक में उन्होंने स्पष्ट किया कि वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी का लक्ष्य कठिन जरूर है, लेकिन सुनियोजित प्रयासों और विभागीय समन्वय से इसे हासिल किया जा सकता है।
मुख्यमंत्री ने विशेष रूप से यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि प्रदेश में औद्योगिक निवेश को बढ़ावा दिया जाए, स्टार्टअप्स को सहयोग दिया जाए और बुनियादी सुविधाओं का विस्तार किया जाए। इसके साथ ही उन्होंने स्वास्थ्य, पेयजल संकट और सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में देरी जैसी चुनौतियों को भी तत्काल हल करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वास्थ्य सुविधाओं के संबंध में आयुष्मान भारत और मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए सख्त निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि इन योजनाओं के तहत इलाज करने वाले अस्पतालों को एक माह से अधिक भुगतान में देरी नहीं होनी चाहिए।
इसके पीछे सरकार का स्पष्ट उद्देश्य यह है कि गरीब और जरूरतमंद मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिलें और निजी अस्पताल भी सरकारी योजनाओं में रुचि दिखाएं। मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिया कि मरीजों को समुचित सुविधाएं मिलें और डॉक्टरों को किसी प्रकार की परेशानी न हो।
उत्तर प्रदेश सरकार 2025 में आयोजित होने वाले महाकुंभ को प्रदेश की अर्थव्यवस्था में एक महत्वपूर्ण अवसर के रूप में देख रही है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि महाकुंभ 2025 के आर्थिक प्रभाव का वैज्ञानिक रूप से अध्ययन किया जाए।
महाकुंभ में देश-विदेश से करोड़ों श्रद्धालु पहुंचते हैं, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था में जबरदस्त उछाल आता है। इससे पर्यटन, होटल, परिवहन, हस्तशिल्प और स्थानीय बाजारों को बढ़ावा मिलेगा। योगी सरकार इस आयोजन को प्रदेश की अर्थव्यवस्था के लिए एक प्रमुख उत्प्रेरक के रूप में देख रही है और इसलिए इसके आर्थिक प्रभाव का अध्ययन कर ठोस रणनीति बनाई जा रही है।
प्रदेश में स्टार्टअप्स को चिन्हित कर उन्हें यूनिकॉर्न की श्रेणी में लाने के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट किया कि निवेशकों और उद्यमियों के साथ संवाद बढ़ाना आवश्यक है ताकि नए स्टार्टअप्स को सही दिशा में मार्गदर्शन और आर्थिक सहयोग मिल सके।
उत्तर प्रदेश सरकार पहले ही ‘स्टार्टअप नीति’ के तहत विभिन्न प्रकार की वित्तीय और नीतिगत सहायता उपलब्ध करा रही है। सरकार का लक्ष्य प्रदेश में टेक्नोलॉजी, कृषि, स्वास्थ्य और अन्य क्षेत्रों में नवाचार को बढ़ावा देना है ताकि नए उद्योग और रोजगार के अवसर उत्पन्न हो सकें।
गर्मी को देखते हुए मुख्यमंत्री ने बुंदेलखंड और विंध्याचल क्षेत्र में पेयजल संकट को रोकने के लिए विशेष निर्देश दिए हैं। यह क्षेत्र हर साल गंभीर जल संकट का सामना करता है, जिससे लाखों लोगों को परेशानी होती है।
सरकार का प्रयास है कि वाटर हार्वेस्टिंग, नलकूपों की मरम्मत, पाइपलाइन विस्तार और जल संरक्षण परियोजनाओं के माध्यम से इस समस्या को प्रभावी रूप से हल किया जाए। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि वे समस्या क्षेत्रों का निरीक्षण करें और त्वरित समाधान सुनिश्चित करें।
मुख्यमंत्री ने ऊर्जा विभाग के अधिकारियों को भी सख्त निर्देश दिए हैं कि वे फील्ड में जाकर उपभोक्ताओं की समस्याओं को समझें और उनका समाधान करें।
प्रदेश में अभी भी कई इलाकों में बिजली आपूर्ति को लेकर समस्याएं हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों की शिकायतों को गंभीरता से लिया जाए और बिजली आपूर्ति में सुधार किया जाए ताकि व्यापार और घरेलू उपभोक्ताओं को किसी प्रकार की कठिनाई न हो।
योगी सरकार ने सभी सरकारी कर्मचारियों को ‘मिशन कर्मयोगी’ के तहत प्रशिक्षित करने का निर्णय लिया है।
इस योजना का मुख्य उद्देश्य सरकारी कार्यों में पारदर्शिता, जवाबदेही और दक्षता बढ़ाना है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि इस मिशन को तेजी से लागू किया जाए और सरकारी अधिकारियों को हर सप्ताह फील्ड विजिट पर जाने के निर्देश भी दिए जाएं। इससे प्रशासनिक कार्यों की गुणवत्ता में सुधार होगा और नीतियों के प्रभावी क्रियान्वयन में सहायता मिलेगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि 2024-25 के बजट आवंटन के अनुसार कम खर्च करने वाले विभागों की समीक्षा की जाए। मुख्य सचिव और वित्त विभाग के अधिकारियों को इसका जिम्मा सौंपा गया है ताकि प्रदेश की वित्तीय प्रबंधन प्रणाली को और अधिक प्रभावी बनाया जा सके।
इसके अलावा, आवास विभाग की बची हुई संपत्तियों को बेचने के लिए नई नीति लाने के निर्देश भी दिए गए हैं। इससे सरकार को अतिरिक्त राजस्व प्राप्त होगा और अनुपयोगी संपत्तियों का सही उपयोग सुनिश्चित किया जा सकेगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घोषणा की कि भाजपा सरकार के आठ वर्ष पूरे होने पर प्रदेश के सभी जिलों में तीन दिवसीय विशेष आयोजन किए जाएंगे।
इस दौरान विभिन्न योजनाओं और उपलब्धियों को जनता तक पहुंचाने के लिए अभियान चलाए जाएंगे। यह आयोजन योगी सरकार की कार्यशैली, विकास योजनाओं और प्रदेश की प्रगति को उजागर करने का एक माध्यम होगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी बनाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं। उनकी रणनीति औद्योगिक विकास, स्टार्टअप्स, स्वास्थ्य, बुनियादी सुविधाओं, बिजली, पेयजल, प्रशासनिक दक्षता और बजटीय अनुशासन पर केंद्रित है।
सरकार की नवाचार और आर्थिक सुधारों की नीति से न केवल प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी, बल्कि नए रोजगार, निवेश और व्यापार के अवसर भी पैदा होंगे। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को स्पष्ट रूप से निर्देश दिया है कि वे तेजी से काम करें और सरकार की योजनाओं को प्रभावी रूप से लागू करें।
उत्तर प्रदेश अब एक नए आर्थिक युग में प्रवेश कर रहा है, जहां संगठित प्रयासों, सख्त अनुशासन और प्रशासनिक दक्षता से प्रदेश को देश की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में शामिल करने का प्रयास किया जा रहा है।