शरद कटियार
“एक गरीब और कमजोर को न्याय मिले, हर बेटी और व्यापारी सुरक्षित हो, हर नागरिक के जीवन में सुरक्षा का कोई संकट न हो” – यह नारा मात्र एक राजनीतिक घोषणा नहीं, बल्कि उत्तर प्रदेश सरकार (Uttar Pradesh Government) की प्रशासनिक सोच, नीति और कार्यशैली का केन्द्रबिंदु बन चुका है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) के नेतृत्व में प्रदेश जिस परिवर्तनकारी (transformative) दौर से गुजर रहा है, वह कानून-व्यवस्था, महिला सुरक्षा, व्यापारी हितों और समाज के अंतिम व्यक्ति तक न्याय की पहुंच सुनिश्चित करने में मील का पत्थर साबित हो रहा है।
उत्तर प्रदेश की छवि दशकों तक एक ऐसे राज्य की रही जहां अपराध, माफिया राज, लचर पुलिसिंग और प्रशासनिक उदासीनता आमजन के जीवन को डर के साए में रखती थी। लेकिन 2017 के बाद राज्य में सत्ता परिवर्तन के साथ ही कानून-व्यवस्था को लेकर नई सोच और सख्त कार्रवाई की शुरुआत हुई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट निर्देश दिए कि “अपराधी या तो जेल में होंगे या प्रदेश छोड़ देंगे।” इसका असर आंकड़ों में भी साफ झलकता है:
● अपराध पर सख्ती के आँकड़े:
2017 से 2024 के बीच 17,000 से अधिक अपराधियों की संपत्तियां जब्त/ध्वस्त की गईं। यूपी पुलिस ने 13,000 से अधिक गैंगस्टरों को गिरफ्तार किया। 860 से अधिक इनकाउंटर में अपराधियों को पकड़ा या मारा गया। लगभग 68,000 करोड़ की अवैध संपत्ति जब्त की गई, जिससे माफिया तंत्र की कमर टूटी।
राज्य के गृह विभाग के अनुसार, डकैती, हत्या, अपहरण जैसे जघन्य अपराधों में बीते 5 वर्षों में औसतन 30-35% की गिरावट आई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का जोर विशेष रूप से “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ और बेटी को सुरक्षा दो” के भाव पर केंद्रित रहा है। महिला सुरक्षा को लेकर योगी सरकार ने मिशन शक्ति जैसी अभिनव पहल की शुरुआत की।
● मिशन शक्ति और महिला सुरक्षा के ठोस कदम:
मिशन शक्ति (2020) के तहत 112 महिला हेल्पलाइन, महिला बीट सिस्टम, शक्ति चौकी और पिंक बूथ की स्थापना।
Nirbhaya Fund के तहत 1000 से अधिक महिला हेल्पडेस्क थानों में सक्रिय। महिला पुलिस कर्मियों की संख्या 2016 में जहां मात्र 14,000 थी, वह 2024 में बढ़कर 30,000 से अधिक हो गई।
‘स्मार्टफोन/टेबलेट योजना’ के अंतर्गत छात्राओं और महिलाओं को तकनीकी सुरक्षा भी प्रदान की गई। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के आंकड़ों के अनुसार, महिला अपराध मामलों में यूपी ने 2020-2023 के बीच 20% से अधिक की गिरावट दर्ज की है।
उत्तर प्रदेश के व्यापारी लंबे समय तक अपराधियों की रंगदारी और पुलिस संरक्षण के खेल से त्रस्त थे। छोटी दुकान हो या बड़ा कारोबारी – असुरक्षा, फिरौती और अपहरण जैसे अपराधों का भय आम था। लेकिन योगी सरकार ने इस पर गंभीरता से कार्रवाई की।
● व्यापारी हितों में उठाए गए कदम:
व्यापारी सुरक्षा फोर्स का गठन। व्यापारी सुरक्षा पोर्टल की स्थापना – जिससे व्यापारी सीधे पुलिस और प्रशासन से संपर्क कर सकते हैं। CCTV इंस्टॉलेशन पर सब्सिडी व टैक्स लाभ। व्यापार मंडल और जिला प्रशासन के बीच संवाद का साप्ताहिक तंत्र। यूपी में 2023 में व्यापारियों के खिलाफ अपराधों में 38% की गिरावट दर्ज की गई। उत्तर प्रदेश अब ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में भारत के टॉप 3 राज्यों में शामिल हो चुका हैl
“सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास” को उत्तर प्रदेश में न्याय की वास्तविकता से जोड़ा गया है। गरीब, दलित, पिछड़े, वृद्ध और विकलांग नागरिकों के लिए योजनाओं का एक वृहद तंत्र तैयार किया गया है। मुख्यमंत्री आवास योजना ग्रामीण: अब तक 8.85 लाख से अधिक मकान निर्माण। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना: 2024 तक 3.2 लाख जोड़ों की शादी कराई गई।
मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना: 14 लाख से अधिक बालिकाओं को लाभ। न्यायिक सहायता योजना: गरीबों को मुफ़्त वकील, कानूनी सलाह। इसके अतिरिक्त E-Courts, लोक अदालत, और मोबाइल अदालतों के माध्यम से निचले तबकों तक न्याय को पहुंचाना आसान बनाया गया है। सिर्फ अपराधियों पर कार्रवाई ही नहीं, नागरिक सुरक्षा और आपात स्थितियों में त्वरित सहायता के लिए UP Dial 112 सेवा को अत्याधुनिक बनाया गया है।
Dial 112 पर अब औसतन रिस्पॉन्स टाइम शहरी क्षेत्रों में 8 मिनट और ग्रामीण क्षेत्रों में 15 मिनट से कम। 3,500 से अधिक नई पीआरवी गाड़ियां, महिला हेल्पिंग टीमों के साथ। साइबर क्राइम हेल्पलाइन 1930 की स्थापना, साइबर अपराधों में 50% अधिक रिकवरीl योगी सरकार ने धार्मिक उन्माद, साम्प्रदायिक हिंसा और अलगाववादी मानसिकता पर सख्ती से कार्रवाई की है।
CAA विरोध में हिंसा फैलाने वालों से 2.8 करोड़ की वसूली। कश्मीर फंडिंग, PFI जैसे संगठनों पर एनआईए और एटीएस की संयुक्त कार्रवाई। अवैध धर्मांतरण में संलिप्त 320 से अधिक लोगों की गिरफ्तारी। उत्तर प्रदेश पुलिस को तकनीकी रूप से सक्षम बनाने, भ्रष्टाचार कम करने और जवाबदेही बढ़ाने के लिए अनेक सुधार किए गए हैं:
फेस रेकग्निशन सिस्टम, बॉडी वॉर्न कैमरा, ई-एफआईआर, आईटीएस पर आधारित FIR पोर्टल। सड़क सुरक्षा ऐप, महिला सुरक्षा ऐप – ‘साथी’ का विकास। 2023 में 4,200 से अधिक पुलिसकर्मियों पर भ्रष्टाचार और लापरवाही में कार्रवाई। आज उत्तर प्रदेश की पहचान केवल अपराधमुक्त प्रदेश के रूप में नहीं, बल्कि निवेश, शिक्षा, पर्यटन और महिला सशक्तिकरण के लिए सुरक्षित माहौल देने वाले राज्य के रूप में हो रही है।
ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2023 में 35 लाख करोड़ के प्रस्ताव।2024 में महिला श्रमिकों की भागीदारी 28% से बढ़कर 35%। स्कूल चलो अभियान और मिशन प्रेरणा के ज़रिए शिक्षा में सुरक्षा और समावेशिता। उत्तर प्रदेश अब भय नहीं, भरोसे और विकास की नई पहचान बना है। यह परिवर्तन केवल शासन के भय से नहीं, बल्कि शासन की पारदर्शिता, इच्छाशक्ति और जनता के लिए कार्य करने की प्रतिबद्धता का परिणाम है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की यह सोच कि “प्रत्येक नागरिक को न्याय और सुरक्षा मिले” – न केवल प्रशासनिक दृष्टिकोण है, बल्कि यह लोकतंत्र की मूल भावना को मजबूत करता है। आज जब गरीब को न्याय, बेटी को सम्मान, व्यापारी को सुरक्षा और नागरिक को राहत मिल रही है – तब यह कहने में कोई संकोच नहीं कि उत्तर प्रदेश वास्तव में न्याय और सुरक्षा के नए युग में प्रवेश कर चुका है।
शरद कटियार
प्रधान संपादक, दैनिक यूथ इंडिया