– यूपी का भारत की हरित ऊर्जा क्रांति में भी एक निर्णायक भूमिका : अवनीश अवस्थी, सलाहकार
– यूपी वैकल्पिक स्रोतों की पूरी क्षमता को विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध : इंदरजीत सिंह, निदेशक
ओसाका/लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने स्वच्छ और हरित भविष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए Japan के साथ green hydrogen और नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने की दिशा में बड़ा प्रयास शुरू किया है। राज्य सरकार का उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल इन दिनों जापान के दौरे पर है, जिसका नेतृत्व मुख्यमंत्री के सलाहकार अवनीश अवस्थी कर रहे हैं। प्रतिनिधिमंडल में इन्वेस्ट यूपी के सीईओ विजय किरण आनंद और यूपीनेडा के निदेशक इंदरजीत सिंह भी शामिल हैं।
मुख्यमंत्री के सलाहकार अवनीश अवस्थी ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार की यह पहल न केवल राज्य में स्वच्छ ऊर्जा की दिशा में ठोस आधार तैयार करेगी, बल्कि भारत की हरित ऊर्जा क्रांति में भी एक निर्णायक भूमिका निभाएगी। तकनीकी नवाचार, वैश्विक सहयोग और स्थानीय संसाधनों के बेहतर उपयोग से उत्तर प्रदेश को ऊर्जा आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर करने की यह यात्रा ऐतिहासिक साबित हो सकती है।
यूपीनेडा के निदेशक इंदरजीत सिंह ने स्पष्ट किया कि उत्तर प्रदेश सरकार सौर ऊर्जा, लघु जलविद्युत परियोजनाओं और बायोमास आधारित विद्युत उत्पादन जैसे वैकल्पिक स्रोतों की पूरी क्षमता को विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध है। इस यात्रा के माध्यम से राज्य तकनीकी सहयोग, निवेश और अनुसंधान साझेदारियों की दिशा में ठोस पहल करना चाहता है। इस यात्रा का उद्देश्य उत्तर प्रदेश को स्वच्छ ऊर्जा नवाचार के एक वैश्विक केंद्र के रूप में स्थापित करना है।
प्रतिनिधिमंडल ने जापान की उन्नत तकनीकों और संभावित निवेश अवसरों को समझने और उन्हें उत्तर प्रदेश में लागू करने के लिए कई औद्योगिक और शैक्षणिक संस्थानों का दौरा किया। टोयोटा की हाइड्रोजन फ्यूल सेल कार “मिराई” के साथ प्रतिनिधिमंडल की बैठक यात्रा का प्रमुख आकर्षण रही। यह कार हाइड्रोजन और ऑक्सीजन के संयोजन से ऊर्जा उत्पन्न करती है और अपशिष्ट के रूप में केवल जल का उत्सर्जन करती है। यह तकनीक उत्तर प्रदेश की शून्य-उत्सर्जन नीति को साकार करने की दिशा में एक बड़ा उदाहरण बन सकती है।
प्रतिनिधिमंडल ने जापान के यामानाशी विश्वविद्यालय स्थित हाइड्रोजन और फ्यूल सेल नैनोमैटेरियल्स केंद्र का भी भ्रमण किया। यह केंद्र उन्नत ईंधन सेल अनुसंधान में अग्रणी है और उत्तर प्रदेश सरकार के लिए तकनीकी हस्तांतरण के क्षेत्र में नए अवसर खोल सकता है। जापान प्रवास के दौरान प्रतिनिधिमंडल ने यामानाशी प्रांत स्थित नेसार्ड ग्रीन हाइड्रोजन प्लांट, संटोरी हकुशू डिस्टिलरी (जहां पॉवर-टू-गैस तकनीक उपयोग में लाई जा रही है) और हाइड्रोजन रिसर्च सेंटर जैसे प्रमुख स्थलों का दौरा किया। ये संस्थान हाइड्रोजन उत्पादन और उसके व्यावसायिक उपयोग में वैश्विक स्तर पर अग्रणी माने जाते हैं।