लखनऊ: देश के कई राज्यों में दूषित कफ सिरप (cough syrup) से बच्चों की मौत की खबरों के बाद उत्तर प्रदेश की योगी सरकार (yogi government) भी अलर्ट मोड (alert mode) में आ गई है। उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग सतर्क हो गया है। तत्काल प्रभाव से कफ सिरप बेचने पर रोक लगा दी गई है। मध्य प्रदेश की एक लैब रिपोर्ट में कोल्ड्रिफ सिरप (Coldrif Syrup) में डाइएथिलीन ग्लाइकॉल नामक जहरीले रसायन मिले होने का खुलासा हुआ है, जो बच्चों और बड़ो के लिए बेहद खतरनाक माना जाता है।
जानकारी के मुताबिक, इस जहरीले केमिकल के सेवन से मध्य प्रदेश और राजस्थान में अब तक 11 से अधिक बच्चों की मौत हो चुकी है। इसके बाद उत्तर प्रदेश स्वास्थ्य विभाग सतर्क हो गया है। मामले को गंभीरता से लेते हुए सहायक आयुक्त दिनेश कुमार तिवारी ने सभी जिलों को चेतावनी जारी की है। आदेश में सभी औषधि निरीक्षकों को संबंधित बैच की बिक्री रोकने और नमूने जाँच के लिए राज्य औषधि प्रयोगशाला भेजने का निर्देश दिया गया है।
सहायक आयुक्त द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि तमिलनाडु के कांचीपुरम जिले के सुंगुवाचत्रम स्थित मेसर्स श्रेषण फार्मास्युटिकल्स द्वारा निर्मित कोल्ड्रिफ सिरप में डायथिलीन ग्लाइकॉल और एथिलीन ग्लाइकॉल जैसे जहरीले रसायन होने का संदेह है। इसमें कहा गया है कि ये दोनों रसायन शरीर के लिए बेहद खतरनाक हैं और इनका सेवन जानलेवा हो सकता है।
अपने आदेश में, तिवारी ने सभी दवा विक्रेताओं, सरकारी और गैर-सरकारी अस्पतालों को संबंधित बैच के कफ सिरप की बिक्री, वितरण और उपयोग पर तत्काल रोक लगाने का निर्देश दिया है। उन्होंने यह भी निर्देश दिया है कि दुकानों और अस्पतालों में उपलब्ध स्टॉक के नमूने तुरंत जाँच के लिए लखनऊ स्थित राज्य औषधि प्रयोगशाला भेजे जाएँ।
उन्होंने औषधि निरीक्षकों को सभी स्थानों पर दवा की उपलब्धता की जाँच करने, नमूने एकत्र करने और ऑनलाइन रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। विनिर्माण प्रयोगशालाओं को कफ सिरप में प्रयुक्त प्रोपिलीन ग्लाइकॉल के नमूनों की जाँच करने का भी निर्देश दिया गया है। राज्य सरकार ने सभी संबंधित अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए हैं कि इस मामले में कोई लापरवाही न बरती जाए और रिपोर्ट प्राप्त होने तक उक्त कफ सिरप का उपयोग पूरी तरह से बंद रखा जाए।